रायपुर. भिलाई के हिमांशु पांडा ने दोबारा जज बन कर आलोचना करनेवालों को मुहतोड़ जवाब दिया है. वैसे तो हिमांशु 2020 की परीक्षा में ही सिविल जज बन गये थे, लेकिन नियमों के जाल में ऐसे फंसे की मामला हाईकोर्ट पहुंच गया और अब भी हाईकोर्ट में लंबित है. इस बीच हिमांशु की शादी भी कुछ समय के लिए लटकी, जिसको लेकर लोगों ने ताने देने शुरू कर दिये, लेकिन हिमांशु की पत्नी बनी शिवांगी ने चीजों को संभाला और कहा कि अब नहीं, तो क्या. हिमांशु जज जरूर बनेंगे.
अब आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर हिमांशु पांडा का ममला क्या था, क्यों उन्हें 2020 में परीक्षा पास होने के बाद भी जज बनने में अड़चन आई, क्यों मामला हाईकोर्ट पहुंचा. हिमांशु जशपुर जिले के कुनकुरी के रहनेवाले हैं. 2020 में जब जज की परीक्षा पास की, तो उन्हें 186 नंबर मिले थे. हिमांशु के साथ तीन और अभ्यर्थी थे, जिन्हें भी 186 नंबर ही मिले थे. ऐसे में मामला फंस गया, लेकिन हाईकोर्ट का नियम है कि अगर एक समान अभ्यर्थियों को अंक मिलते हैं, तो जिसकी उम्र सबसे ज्यादा होगी, उसकी नियुक्ति होगी.
हाईकोर्ट के नियम के मुताबिक हिमांशु की नियुक्ति होनी थी, लेकिन परीक्षा करनेवाले सीजीपीएससी का नियम अलग था, उसमें था कि एक समान नंबर मिलने पर उस अभ्यर्थी की नियुक्ति होगी, जिसके मेंस यानी लिखित परीक्षा में ज्यादा नंबर होंगे, तो हिमांशु का मामला यहीं फंस गया. इस वजह से उनकी नियुक्ति नहीं हो पाई और मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया.
वहीं अब सीजीपीएससी-2023 की परीक्षा में हिमांशु को 18 स्थान मिला है और वो अब जज बन चुके हैं. सफलता के साथ ही हिमांशु ने उन लोगों को जवाब दिया है, जो उनको लेकर सवाल उठाते थे…कहते थे कि जज नहीं हैं, झूठ बोल रहे हैं.
अब बताते हैं कि शिवांगी के साथ हिमांशु की शादी क्यों लटकी. दरअसल, हिमांशु की मुलाकात भिलाई की रहनेवाली शिवांगी से कोचिंग के दौरान हुई थी, लेकिन दोनों एक जाति के नहीं हैं. अंतरजातीय विवाह होना था. जब हिमांशु को 2020 की परीक्षा में सफलता मिली थी, तो उन्होंने अपने घर वालों से शिवांगी से शादी करने की बात की, लेकिन घर के लोग अंतरजातीय विवाह के लिए पहले तैयार नहीं हुुए, लेकिन बाद में मान गए. 2021 में शादी तय हो गई.
हिमांशु की शिवांगी से शादी हो गई, लेकिन जज की नियुक्ति नहीं मिल रही थी, क्योंकि मामला कोर्ट में लंबित है. ऐसे में आसपास के लोग कहने लगे कि जज नहीं हैं, झूठ बोल रहे हैं. लेकिन शिवांगी को हिमांशु पर विश्वास था. उन्होंने कहा कि लोग भले ही कुछ बोलें, लेकिन हिमांशु एक दिन जज जरूर बनेंगे. उन्होंने अपने घर और ससुराल वालों के भी समझाया. अब हिमांशु का चयन होने के बाद उन सब लोगों को जवाब मिल गया है, जो उनके चयन पर सवाल उठा रहे थे.