सीजी डेस्क। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने बारदाना खरीदी में भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने विधानसभा की कमेटी से मामले की जांच कराने की मांग की। इस आरोप को खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने खारिज कर दिया, जिसके बाद नाराज विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने कहा कि 17 करोड़ से अधिक बारदाने एक हजार करोड़ की कीमत में खरीदे जा रहे हैं और इनका वजन स्टैंडर्ड बारदाने से 100 ग्राम तक कम है। उनका आरोप था कि यह खरीदारी निजी जूट मिलों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से की जा रही है।
इस पर खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि गौरीशंकर जूट मिल के बारदाने पर शिकायत आई थी, लेकिन जिला प्रशासन ने जांच की, जिसमें बारदाने को अमानक नहीं पाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि निजी जूट मिलों को कोई भी फायदा नहीं पहुंचाया गया है और किसानों को किसी प्रकार की समस्या नहीं हुई है। महंत ने फिर कहा कि बारदाना का वजन 580 ग्राम होना चाहिए, जबकि केंद्रों तक पहुंचने वाले बारदानों का वजन 480 ग्राम है। मंत्री ने इसका जवाब देते हुए कहा कि जूट मिल कमिश्नर के द्वारा परीक्षण के बाद ही बारदाना भेजा जाता है। महंत ने तरेंगा सोसाइटी में आरोप लगाए थे, जहां जिला प्रशासन ने जांच की और बारदाना अमानक नहीं पाया। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि बारदाना का वजन नमी के कारण कम हो सकता है, लेकिन जांच के बाद इसका वजन 545 ग्राम था।
महंत ने फिर इस मामले में बड़े भ्रष्टाचार की संभावना जताते हुए विधानसभा की कमेटी से जांच की मांग की। खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने इसे नकारते हुए कहा कि जांच की जरूरत नहीं है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया।