Bihar Weather: बिहार में 15 मई के आसपास सरकारी स्कूलों में गर्मी छुट्टी होती थी। लेकिन, एक आदेश ऐसा आया कि इस भीषण गर्मी में स्कूल में बच्चे भी रह रहे और शिक्षक भी। इस खामियाज़ा 8 जिलों में भुगतना पड़ रहा है। इसके बाद सीएम ऑफिस की ओर से आदेश जारी हुआ और अब 8 जून तक स्कूल बंद रहेंगे।
पटना के राजेंद्रनगर स्थित राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय में 13-14 साल के एक बच्चे की मौत पर शोकसभा थी। गर्मी के कारण वह स्कूल से बेहोशी की हालत में घर गया और फिर सोमवार को विद्यालय खुला तो मौत की खबर आई।
यह खबर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के डर से शिक्षक भी पचा गए। कहीं कोई खबर कानोंकान नहीं पहुंचाई गई। क्योंकि, एक दिन पहले ही गर्मी के कारण स्कूल खुलने को लेकर मजबूरी बताने पर दूसरे विद्यालय की एक शिक्षिका के एक हफ्ते का वेतन काटने का आदेश आया था। यह है बिहार। शिक्षक डरें तो क्यों नहीं? बिहार के सभी 38 जिलों के जिलाधिकारी डरे हुए हैं।
बुधवार को आठ जिलों में करीब सौ बच्चों के बेहोश होने की जानकारी आई। शिक्षकों-रसोइयों के भी। लेकिन, डीएम कहीं भी छुट्टी नहीं दे रहे। डर की वजह है शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक। बुधवार को सुबह से ‘अमर उजाला’ इन खबरों के जरिए लगातार अभियान चला रहा था।
अंतिम तौर पर प्रकाशित इस खबर के एक घंटे बाद करीब छह बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीधे मुख्य सचिव को आदेश दिया कि सभी विद्यालयों को आठ जून तक पूरी तरह बंद रखें।
मुख्य सचिव ने केके पाठक के शिक्षा विभाग को पीत पत्र के बदले जारी होने वाला आदेश जारी कर यह जानकारी दी। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने सीधे जिलाधिकारियों को मुख्यमंत्री के आदेश से अवगत करा दिया।
मतलब, अब अंतत: सभी सरकारी विद्यालय, प्राइवेट स्कूल, कोचिंग, आंगनबाड़ी केंद्र आदि में 8 जून तक पठन-पाठन पूर्णत: बंद रहेगा। इधर, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने भी सभी डीएम से हालात पर बात की।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का नाम हर तरफ गूंजता है। वजह उनकी हठ है। इस हठ के कारण उन्होंने महागठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जरिए तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर का विभाग बदलवा दिया। उसके बाद ठंड में स्कूल बंद करने के पटना के जिला दंडाधिकारी के तौर पर दिए आदेश पर तनातनी हुई तो पटना डीएम का ट्रांसफर हो गया।
इसके बाद राजभवन, यानी राज्य के राज्यपाल की बतौर कुलाधिपति बात मानने पर विश्वविद्यालयों के शिक्षकों-शिक्षकेतर कर्मियों का वेतन रुकवा दिया।
इन घटनाओं से पहले दो बार सरकारी बैठक में गालीबाजी करते हुए केके पाठक का वीडियो वायरल होने और बिहारियों को आलसी बताते हुए सुने जाने के बावजूद उनपर कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए, सभी डरे हुए हैं। जो शिकायत करता है, उसी पर कार्रवाई हो जाती है।
ऐसे में कोई डीएम 48 से 50 डिग्री जैसी गर्मी महसूस होने पर भी स्कूलों को बंद करने के अधिकार का उपयोग कोई डीएम नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप्पी मारे बैठे थे।
जनता दल यूनाईटेड कोटे के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार रिटायर्ड आईपीएस हैं, लेकिन इस बारे में बात करने के लिए मैसेज तक का जवाब नहीं दे रहे थे। मिलना तो दूर है, कॉल पर भी जवाब नहीं दे रहे।
मीडिया के लगातार सवाल के बाद छह जून तक के लिए स्कूलों का समय सुबह 10 बजे तक करने का आदेश भी आया तो शिक्षा विभाग की ओर से। लेकिन, असल हालत यह है कि सुबह होते ही सड़कें वीरान हो रही हैं तो बच्चे 11 बजे घर लौटेंगे या सीधे अस्पताल जाएंगे? फिर कुछ देर बाद शाम करीब छह बजे मुख्यमंत्री का सीधा आदेश मुख्य सचिव तक पहुंचा और केके पाठक को भी कड़ी सीख दे दी गई।
बिहार में गर्मी छुट्टी के पहले अप्रैल से मॉर्निंग स्कूल हो जाता था। उसके बाद मई में 15-20 तारीख के आसपास गर्मी छुट्टी होती थी। पूरे जेठ में गर्मी की छुट्टी लगभग रह जाती थी।
इस बार केके पाठक के आने पर शिक्षा विभाग ने अनूठा प्रयोग किया। इस साल 15 अप्रैल से 14 मई तक गर्मी छुट्टी का प्रावधान रखा गया। फिर मिशन दक्ष के बच्चों और सभी शिक्षकों को इस दौरान बुला लिया गया। इसके अलावा यह भी कहा गया कि जो बच्चे आना चाहें, आ सकते हैं क्योंकि स्कूल खुले रहे हैं।
ऐसे में गर्मी छुट्टी की औपचारिकता होकर रह गई। 15 मई से 18 मई के बीच अमूमन सभी जिलों के प्राइवेट स्कूलों ने गर्मी छुट्टी कर दी, लेकिन सरकारी विद्यालयों में स्कूल और कड़ाई से खुलने का आदेश आ गया। छह बजे से 12 बजे तक विद्यार्थियों को रहना है, उसके बाद मिड डे मील ग्रहण कर जाना है।
मतलब, बच्चों के लिए छह बजे से साढ़े 12 बजे भरी दोपहरी तक स्कूल। उधर, शिक्षकों को 15 अप्रैल से 14 मई तक मिशन दक्ष के नाम पर गर्मी छुट्टी नहीं मिली और इधर पौने छह बजे स्कूल पहुंचने और डेढ़ बजे तक यहीं बैठने का आदेश आ गया था। नतीजा, गर्मी अपने चरम पर है तो बच्चों से लेकर शिक्षक तक बेहोश हो रहे थे।
अब मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव को जारी आदेश, मुख्य सचिव की ओर से शिक्षा विभाग को पीत पत्र की जगह भेजे आदेश और जिलाधिकारियों को सचिवालय से भेजी चिट्ठी ने साफ कर दिया है कि चलेगी तो सीधे सरकार की। मतलब, 8 जून तक सारे स्कूल बंद रहेंगे। आंगनबाड़ी से 12वीं के सभी स्कूल।