Bihar News : नवादा संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी विवेक ठाकुर के पक्ष में प्रचार करने शेखपुरा पहुंचे नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी को भारी विरोध का सामना करना पड़ गया। मुर्दाबाद के नारे सुनकर उन्हें उलटे पांव वहां से लौटना पड़ा।
छोटे मुद्दों पर पैरवी करना कई बार बड़े लोगों के लिए मुसीबत बन जाती है। चुनाव में ऐसी मुसीबत सामने आ जाती है। इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के साथ उनके इलाके में यही हो गया। वह पहुंचे थे नवादा संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी विवेक ठाकुर के पक्ष में प्रचार करने, लेकिन एक गांव में प्रवेश के साथ उनका ऐसा संगठित विरोध हुआ कि मुर्दाबाद के नारे सुनते ही उन्हें वापस लौटना पड़ गया।
बिहार सरकार के मंत्री डॉ अशोक चौधरी को शनिवार को बरबीघा के सामस बुजुर्ग गांव में भारी विरोध का सामना करना पड़ा। आक्रोशित लोगों ने मंत्री के विरोध में मुर्दाबाद के नारे भी लगाये।
विरोध कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि मंत्री अशोक चौधरी बेवजह गांव के उप मुखिया और उसके भाइयों की बातों में आकर सामाजिक कार्यों में हस्तक्षेप करते रहते हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि 6 दिन पहले गांव वालों ने बैठक करके सामस विष्णु धाम मंदिर के बगल में स्थित बड़े तालाब से रेलवे को मिट्टी देने के लिए सामाजिक स्तर पर निर्णय लिया था। मिट्टी के बदले रेलवे से मिलने वाला लाखों रुपया मंदिर के निर्माण कार्य में खर्च किया जाना था।
शनिवार को रेलवे के ठेकेदार मिट्टी निकालने के लिए गांव पहुंचे। इस दौरान गांव के मुखिया तथा उनके भाई ने इसका विरोध कर दिया।
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब गांव वालों ने उप मुखिया की बात नहीं मानी तब उन्होंने मंत्री अशोक चौधरी के जरिए जिलाधिकारी को फोन करवाके काम रुकवा दिया। काम रुकने की वजह से मंदिर को लाखों का नुकसान हुआ है।
संयोग से शनिवार को ही एनडीए प्रत्याशी के लिए मंत्री अशोक चौधरी गांव-गांव जनसंपर्क अभियान चला रहे थे। इस दौरान जब वह गांव पहुंचे तो सैकड़ो की संख्या में लोगों ने उनका कड़ा विरोध किया। कहा जा रहा है कि लोगों के विरोध के बाद मंत्री जी को चंद मिनट में ही गांव से वापस लौटना पड़ गया।
ग्रामीणों का कहना है कि अशोक चौधरी के गांव आने की सूचना दिन में ही लग गई थी, जिसके बाद ग्रामीणों ने तत्काल दिन में भी उनके गांव में आने का विरोध किया था। फिर शाम में जब वह गांव में आये तब फिर लोगों ने उनका विरोध किया। हालांकि लोगों के विरोध को दबाने के लिए पुलिस ने गांव वालों को खदेड़ा भी लेकिन विरोध इतना हो गया था कि अशोक चौधरी को जनसंपर्क अभियान को स्थगित कर वापस लौटना पड़ गया।
इस मामले पर मंत्री अशोक चौधरी के करीबियों का कहना है कि गांव वालों को मंत्री अशोक चौधरी के खिलाफ भड़काने का काम किया गया है। यह गांव के दो गुटों का आपसी मामला है। इसमें मंत्री अशोक चौधरी की तरफ से किसी प्रकार का कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है। उनका कहना है कि नाराज लोगों से मिलकर जल्द मामले का निपटारा किया जाएगा।