Bihar News: बिहारी छात्रों को डराने-धमकाने वाला आरोपी पश्चिम बंगाल में दबोच लिया गया। सोशल मीडिया पर टैग करने के बाद कार्रवाई हुई।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में परीक्षा देने गये छात्रों का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें बंगाल के कुछ लोग उन छात्रों को धमकी देते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर बंगाल सरकार की किरकिरी होने के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
बिहार से सिलीगुड़ी परीक्षा देने गए युवकों को धमकाने वाले आरोपी को बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। आरोपी रजत भट्टाचार्य है जो बांग्ला पक्खो नामक कट्टरपंथी संगठन का एक सदस्य है।
दरअसल बिहार के कुछ छात्र एसएसबी की परीक्षा देने सिलीगुड़ी गए थे। परीक्षार्थी एक ही कमरे में थे।तभी बांग्ला पक्खो नाम के कट्टरपंथी संगठन के लोग वहां पहुंचे और छात्रों को धमकाने लगे।
आरोपियों ने छात्रों से कहा कि, ‘बिहार का होकर तुमलोग बंगाल में नौकरी करने क्यों आये हो? इस दौरान उनलोगों के साथ मारपीट करने की भी कोशिश की गई। इस घटना के दौरान उनमें से एक ने उस घटना का वीडियो बना लिया और फिर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर इस पर प्रतिक्रिया जाहिर की। लोगों ने बंगाल सरकार को जमकर कोसा। इस दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी खूब किरकिरी हुई।
वीडियो वायरल होने के बाद बिहार पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए बंगाल पुलिस के सोशल मीडिया पर टैग कर आवश्यक कार्रवाई करने की पहल की। इसके बाद पश्चिम बंगाल की सिलीगुड़ी पुलिस हरकत में आई और आरोपी की पहचान करते हुए आरोपी रजत भट्टाचार्य को कुछ ही घंटे में गिरफ्तार कर लिया।
वीडियो वायरल होने के बाद ठाकुरगंज के पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की कड़ी निन्दा की और आरोपी पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।
उन्होंने बिहार के इंडिया गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। साथ ही बंगाल सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे बिहार में बहुत बड़े पैमाने पर बंगाल और अन्य राज्यो के लोग शिक्षा, रेल व अन्य क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।
इस वीडियो को देखते हुए कहीं ये लोग शुरू हो गये, तब तब क्या होगा। उन्होंने बंगाल सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे गलत लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर देश को एक अच्छा संदेश दे, ताकि बिहार या अन्य राज्य में बंगाल के लोग शांति से कार्य कर सकें।