Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे के लिए कैथी लिपि में पुस्तिका और प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस कैंपेन से पुश्तैनी दस्तावेजों की दिक्कतें दूर होंगी।
बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण अभियान के दौरान कैथी लिपि में लिखे पुराने या पुश्तैनी दस्तावेजों की जांच और पुनर्लेखन में आ रही समस्याओं का समाधान करने के लिए अब सर्वे कर्मियों को कैथी लिपि में एक विशेष पुस्तिका दी जाएगी। इस पुस्तिका के माध्यम से सर्वे कार्यों में तेजी लाई जाएगी और सर्वे कर्मियों की परेशानियों को कम किया जा सकेगा।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। बैठक में बताया गया कि सर्वे कार्य में लगे कर्मचारियों को पहले ही कैथी लिपि के विशेषज्ञों से प्रशिक्षण दिया जा रहा है, लेकिन यह नाकाफी साबित हो रहा है। इसलिए, अब कैथी लिपि की यह पुस्तिका अमीन, कानूनगो, सर्वे शिविर प्रभारी, राजस्व कर्मचारी, अधिकारी और भूमि सुधार से जुड़े अन्य अधिकारियों को वितरित की जाएगी। साथ ही, यह पुस्तिका सर्वे निदेशालय की वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि सभी संबंधित लोग इसे आसानी से देख सकें।
पुश्तैनी दस्तावेजों की जांच में हो रही मुश्किलें
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, जिन जिलों में कैडेस्टल खतियान की संख्या अधिक है, वहां पुराने दस्तावेजों को समझने और सर्वे में दर्ज करने में मुश्किलें आ रही हैं। कैथी लिपि में लिखे दस्तावेजों को समझने के लिए प्रशिक्षित कर्मियों की जरूरत है। इन कर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर उन जिलों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जहां इस लिपि का उपयोग किया गया है और राजस्व संबंधी कामकाज इन्हीं दस्तावेजों पर आधारित हैं।
सर्वे कार्यों की प्रगति पर चर्चा
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. जायसवाल ने बैठक में भूमि सर्वेक्षण कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी की। भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जे. प्रियदर्शिनी ने जानकारी दी कि अब तक 929 गांवों में विशेष सर्वेक्षण खतियान और नक्शे का अंतिम प्रकाशन हो चुका है। जल्द ही इन गांवों में दाखिल-खारिज और अन्य राजस्व कार्य शुरू हो जाएंगे। मंत्री ने निर्देश दिया कि पहले एक दर्जन गांवों के लोगों के बीच इस खतियान का वितरण किया जाए और उनके फीडबैक के आधार पर इसे सभी 929 मौजों में वितरित किया जाएगा।
सर्वे में तेजी लाने के निर्देश
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों (डीएम) को निर्देश दिए गए हैं कि वे विभागों के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक कर सर्वे कर्मियों को भूमि का पूरा ब्योरा उपलब्ध कराएं। उन्होंने बताया कि समाज कल्याण और ऊर्जा विभाग ने अपनी स्वामित्व वाली भूमि का ब्योरा पहले ही उपलब्ध करा दिया है। सर्वे की गति धीमी होने की शिकायतों पर सचिव जय सिंह ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए बेल्ट्रॉन से संपर्क किया गया है और जल्द ही इसका हल निकाल लिया जाएगा।
इस कदम से भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी लाने की उम्मीद है, जिससे बिहार के राजस्व और भूमि संबंधित कार्यों में सुधार होगा और पुश्तैनी दस्तावेजों से जुड़ी कठिनाइयों को आसानी से सुलझाया जा सकेगा।