परिवार में कैसे जिया जाए, राम ने जी कर बताया – मनीष कश्यप
Bhartiya Swabhiman Aur Ram: धर्म जागरण समन्वय की ओर से राम पर व्याखान का आयोजन किया गया, जिसमें प्रख्यात लेखक मिशिलेश कुमार सिंह और प्रख्यात यूट्यूबर मनीष कश्यप समेत कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया. धर्म जागरण समन्वय की ओर से व्याख्यान की श्रृंखला चलायी जा रही है. उसी की कड़ी के रूप में इसका आयोजन किया गया था, जिसका पूरा टॉपिक था…भारतीय स्वाभिमान के आदर्श श्रीराम.
विषय प्रवेश कराते हुए प्रख्यात लेखक मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि राम भारतीय स्वाभिमान, भारतीय संस्कृति के ऐसे अभिन्न एवं अक्षुण अंश हैं, जिनके बिना भारत की कल्पना अधूरी है। भारतीय जनमानस पर राम का असर किसी भी अन्य ऐतिहासिक पुरुष से ज्यादा है। आज के समाजवादी लोहिया को नहीं पढ़ते हैं, जिन्होंने राम की महत्ता को देखते हुए रामायण के मेला का आयोजन शुरू करवाया था। अज्ञानवश कुछ समाजवादी नेता राम एवं रामायण की आलोचना करते हैं। अगर उनकी स्थिति ऐसी ही रही, तो यह भारत के राजनीतिक परिदृश्य से ऐसे नेता मिट जाएंगे.
मिथिलेश ने बताया कि कैसे राम की प्रासंगिकता आज के समाज में है। वो किस तरह से हमारे सामान्य जीवन को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि राम ऐसे आदर्श हैं, जो सनातन के लिए एक प्रतीक हैं। हम सब राम के आदर्शों को जीना चाहते हैं। उनके मुताबिक चलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नेता, जो राम और राम की नीतियों की आलोचना करते हैं। उन्हें राम के मर्म को समझने की जरूरत है। राम आपस में नफरत का संदेश नहीं देते हैं। वो हम आपस में कैसे मिल कर रहे और सामाजिक जीवन में कैसे व्यवहार करें, हमको ये सिखाते हैं। अगर कोई भी जन प्रतिनिधि राम के आदर्शों को मान ले और उनके मुताबिक व्यवहार करने लगे, तो उसका जीवन तो बदलेगा ही। उसके आसपास के लोगों का जीवन भी बदल जाएगा। हमारे समय की ये सबसे बड़ी जरूरत भी है.
मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए प्रख्यात यूट्यूबर मनीष कश्यप ने कहा कि राम ने परिवार में कैसे जिया जाए, उसको जी कर बताया। राम ऐसे प्रकाश पुंज हैं, जो हमको जीवन के हर क्षेत्र में किसी भी कठिनाई में धीर- वीर गंभीर बने रहने की प्रेरणा देते हैं. राम ऐसे आदर्श पति, बेटे और राजा के रूप में हैं, जो अपने हर काम से समाज को संदेश देते हैं. अयोध्या में राम जन्मभूमि की चर्चा मनीष कश्यप ने की और कहा कि राम जन्मभूमि विशाल मंदिर का निर्माण विश्व पटल पर भारतीय स्वाभिमान की पुनर्स्थापना है। हम सब सौभाग्यशाली हैं, जो राम मंदिर के निर्माण के गवाह बने. अपनी आंखों से बनते हुये देखा. रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा होते हुए देख सके. हम अपने आपको धन्य मानते हैं.
वक्ताओं ने एक स्वर से मांग की. अब मुसलमान भाइयों को स्वतः ही ज्ञानवापी एवं मथुरा हिंदुओं को वापस कर देना चाहिए, इससे सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ेगा। विशिष्ट वक्ता के रूप में बोलते हुए साध्वी लक्ष्मी माता ने कहा कि राम के चरित्र को केवल भारतीय जनमानस ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व एक आदर्श के रूप में देखता है और निश्चय ही इस आदर्श चरित्र से हमारा स्वाभिमान जुड़ा हुआ है। मंच का संचालन वकील अवधेश कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम में धर्म जागरण समन्वय के क्षेत्र प्रमुख सूबेदार जी, अरुण कुमार सिंह, राज किशोर सिंह ,शशि आनंद ,बृजेश पाठक सहित गामान्य लोक उपस्थित थे।