Bahraich Clash Aagjani: यूपी के बहराइच के महराजगंज की घटना के विरोध में पूरे बहराइच जिले में बवाल बढ़ गया है। इसको लेकर प्रदर्शन और जगह-जगह आगजनी हो रही। इस बीच पुलिस व प्रशासन बैकफुट पर नजर आया।इसको लेकर बवाल, प्रदर्शन और आगजनी के बीच पुलिस-प्रशासन लाचार नजर आ रही है।
देर रात तक प्रदर्शन और जगह-जगह आगजनी होती रही। इस बीच पुलिस व प्रशासन बैकफुट पर नजर आया। डीजीपी की सख्ती के बाद देर रात हरदी थाना प्रभारी और महसी चौकी प्रभारी को निलंबित किया गया। एक साथ पूरे जिले में विरोध शुरू होने पर आला अधिकारी भी सकते में नजर आए।
महराजगंज की घटना के विरोध में पूरे बहराइच जिले में बवाल बढ़ गया है। देर रात तक प्रदर्शन और जगह-जगह आगजनी होती रही। इस बीच पुलिस व प्रशासन बैकफुट पर नजर आया।
डीजीपी की सख्ती के बाद देर रात हरदी थाना प्रभारी और महसी चौकी प्रभारी को निलंबित किया गया। एक साथ पूरे जिले में विरोध शुरू होने पर आला अधिकारी भी सकते में नजर आए।
गायघाट पर भी रविवार देर रात पूजा समितियों ने प्रतिमाओं का विसर्जन रोक दिया। डीएम-एसपी पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया। स्टीलगंज तालाब मार्केट के पास गाड़ी में आग लगा दी। अस्पताल चौराहे पर लगे बैनर गिराकर आग के हवाले कर दिया।
आग बुझाने पहुंची दमकल टीम पर भी पथराव कर दिया। कर्मचारी किसी तरह वहां से भागे। पुलिस ने लाठी भांजकर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। देर रात मौके पर डीएम मोनिका रानी भी पहुंचीं। उन्हें देख लोगों ने फिर पुलिस व प्रशासन के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी।
गुस्साए लोगों ने देर रात करीब 11:30 बजे नानपारा-लखीमपुर हाईवे भी जाम कर दिया। इस बीच डीएम-एसपी के खिलाफ नारेबाजी के बीच सीएम योगी जिंदाबाद के नारे भी लगे। गुस्साए लोग लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर लगातार कार्रवाई की मांग करते रहे।
विसर्जन जुलूस में शामिल रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या के बाद विरोध तेजी से बढ़ा। पूजा समितियों के साथ ही स्थानीय लोग और परिजनों का गुस्सा देख पुलिस के भी पसीने छूट गए। हालत यह रही कि मेडिकल कॉलेज के बाहर हो रहे प्रदर्शन में भी किसी पुलिस अधिकारी ने पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटाई। देर रात महसी विधायक ने किसी तरह से परिजनों को समझाया और जाम समाप्त हुआ।
महराजगंज की घटना के बाद सबसे ज्यादा आरोप पुलिस व प्रशासन पर लगे। घटना के बाद लोगों ने आरोप लगाया कि गाने को लेकर जब दूसरे समुदाय की ओर से गाली गलौज की गई तो पुलिस व प्रशासन के जिम्मेदार मूकदर्शक बने रहे। आरोप है कि मौके पर एसओ मौजूद भी नहीं रहे।
आरोप है कि जब पथराव हुआ और पूजा समितियों के लोगों ने प्रदर्शन किया तो पुलिस ने उन पर ही लाठी चार्ज कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई और दूसरे समुदाय के लोग रामगोपाल को घर में उठा ले गए, जहां उनके साथ बर्बरता के बाद गोली मार दी गई।
कब क्या हुआ
05 बजे शाम से शुरू हुआ विवाद
5:30 बजे पुलिस ने किया लाठीचार्ज
6:00 बजे के करीब रामगोपाल को मारी गोली
6:15 बजे मौत, समिति सदस्य मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे
7:00 बजे से शुरू हुआ प्रदर्शन, सड़क जाम
पीस कमेटी की बैठक में ही तनाव की आशंका तो पुलिस ने विसर्जन के लिए अतिरिक्त इंतजाम क्यों नहीं किए?
शनिवार को गोंडा व बलरामपुर में विसर्जन के दौरान हंगामा तो सटे जिले में सावधानी क्यों नहीं बरती गई?
विसर्जन जुलूस के साथ अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम क्यों नहीं किया गया?
पुलिस ने सिर्फ दुर्गा पूजा समिति सदस्यों को क्यों निशाना बनाकर किया लाठीचार्ज?दूसरे पक्ष पर सख्ती क्यों नहीं दिखाई।
दूसरे पक्ष की संख्या अधिक होने पर क्यों नहीं तत्काल की गई निरोधात्मक कार्रवाई? वज्र वाहन कहां था? आला अफसर क्यों देर से पहुंचे और कार्रवाई के नाम पर क्यों साधे रखे चुप्पी? युवक की हत्या के बाद भी देर रात तक कार्रवाई से क्यों काटते रहे कन्नी?