Baba Siddique Bihar Connection: एनसीपी नेता बाब सिद्दीकी माययानगरी के सितारों और राजनेताओं से घिरे रहते थे। साथ ही बिहार से गहरा नाता था।
दशकों पहले बिहार के गोपालगंज से आकर मुंबई में बसे बाबा सिद्दीकी की नृशंस हत्या के बाद शोक की लहर दौड़ गई है। जानने वाले खास तरीकों से उन्हें याद कर रहे हैं। बाबा सिद्दीकी से जुड़ी एक खास बात यह भी है कि उनका बिहार की धरती से खास नाता है।
68 वर्षीय राजनेता बाबा सिद्दीकी का लंबा राजनीतिक जीवन रहा है। खास बात ये कि पूर्वी भारत के राज्य बिहार से मीलों दूर मायानगरी में आकर बसने वाले बाबा सिद्दीकी का दशकों बाद भी बिहार से जुड़ाव खत्म नहीं हुआ था। सितंबर, 1956 में जन्म के बाद बाबा ने छात्र जीवन से ही सियासत की शुरुआत कर दी थी।
1977 में बाबा सिद्दीकी कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) NSUI से जुड़े थे। बाद में मायानगरी मुंबई के ऐसे इलाके में बाबा सिद्दीकी आकर बस गए, जिसे सितारों के जमघट के लिए जाना जाता है। बांद्रा पश्चिम में बॉलीवुड की कई फिल्मी हस्तियों के घर हैं।
बांद्रा पश्चिम से विधायक रह चुके बाबा सिद्दीकी सियासत से फुर्सत पाने के बाद बिहार जाते रहते थे। उनसे जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाबा दो साल पहले ही 2022 में बिहार गए थे।
बिहार के गोपालगंज में जन्मे बाबा सिद्दीकी किशोरावस्था और युवावस्था के दौरान पिता अब्दुल रहीम सिद्दीकी के साथ घड़ी रिपेयर करने का काम करते थे। लगभग पांच दशक पहले ही पिता ने जब मुंबई शिफ्ट होने का फैसला लिया तो बाबा सिद्दीकी भी परिवार के साथ मुंबई आ गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी का पुश्तैनी घर माझा ब्लॉक के शेख टोली गांव में है। उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती पांच साल इसी गांव में गुजारे थे। बाबा सिद्दीकी के ममेरे भाई मोहम्मद जलालुद्दीन का परिवार आज भी इसी गांव में रहता है।
बाबा सिद्दीकी ने 26 जून 2020 में एक फेसबुक पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने अपने और गोपालगंज के मांझा शहर से रिश्ता बताया था। यादें शेयर करते हुए उन्होंने लिखा था कि मेरे पिता का जन्म मांझा में हुआ था और मुझे मेरे बचपन की कई यादें इसी शहर से जोड़ती हैं।
बाबा सिद्दीकी के राजनीतिक जीवन पर एक नजर
पहली बार बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) में कॉरपोरेटर चुने गए
कांग्रेस से शुरू की राजनीतिक पारी, 1977 में एनएसयूआई में शामिल हुए
1980 में बांद्रा युवा कांग्रेस महासचिव, 1982 में बांद्रा युवा कांग्रेस अध्यक्ष और 1988 में मुंबई युवा कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए
1999 में पहली बार बांद्रा पश्चिम सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ विधायक बने
2004 से 2008 तक महाराष्ट्र के खाद्य और श्रम राज्य मंत्री रहे
2014 तक लगातार तीन बार बांद्रा पश्चिम सीट से विधायक रहे
2014 में चुनाव हारने के बाद मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया
2019 में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया
फरवरी, 2024 में बाबा सिद्दीकी कांग्रेस छोड़कर अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हो गए
महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुंबई डिवीजन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं