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Homeउत्तर प्रदेशAyodhya Challa Srinivas: पिता का संकल्प, अयोध्या पैदल पहुँच रहे शास्त्री

Ayodhya Challa Srinivas: पिता का संकल्प, अयोध्या पैदल पहुँच रहे शास्त्री

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  • 8000 किमी पैदल चलकर अयोध्या पहुंचेंगे शास्त्री

  • पंचधातु से बने खड़ाऊं लेकर जा रहे अयोध्या

  • खड़ाऊं पर सोना चढ़ा, कीमत 65 लाख रुपए

Ayodhya Challa Srinivas: हैदराबाद के एक बुजुर्ग भी भगवान राम के दर्शन करने पंचधातु का सोना चढ़ा हुआ खड़ाऊं लेकर अयोध्या जा रहे हैं। खास बात यह है कि बुजुर्ग 8000 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर अयोध्या पहुंचेंगे।

बुजुर्ग का नाम चल्ला श्रीनिवास शास्त्री है, जो 64 वर्ष के हैं। शास्त्री अपने साथ पंचधातु से बने खड़ाऊं लेकर अयोध्या जा रहे हैं।

पांच धातुओं से बने खड़ाऊं पर सोना चढ़ाया गया है, जिसकी कीमत 65 लाख रूपये है। शास्त्री जूतों को अपने सिर पर रखकर चल रहे हैं।

Ayodhya Challa Srinivas: 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है। भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में उत्साह है। भक्त दूर-दूर से अयोध्या पहुंच रहे हैं।

इस बीच, हैदराबाद के एक बुजुर्ग भी भगवान राम के दर्शन करने अयोध्या जा रहे हैं। खास बात यह है कि बुजुर्ग 8000 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर अयोध्या पहुंचेंगे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बुजुर्ग का नाम चल्ला श्रीनिवास शास्त्री है, जो 64 वर्ष के हैं। शास्त्री अपने साथ पंचधातु से बने खड़ाऊं लेकर अयोध्या जा रहे हैं।

पांच धातुओं से बने खड़ाऊं पर सोना चढ़ाया गया है, जिसकी कीमत 65 लाख रूपये है। शास्त्री जूतों को अपने सिर पर रखकर चल रहे हैं।

शास्त्री की योजना है कि वह अयोध्या पहुंचकर यह खड़ाऊं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपे। बता दें, इससे पहले शास्त्री चांदी की पांच ईंटे मंदिर को दान कर चुके हैं। शास्त्री भगवान राम के वनवास की उलटी दिशा में चल रहे हैं।

उन्होंने 20 जुलाई को अपनी यात्रा शुरू की थी। यात्रा के दौरान उन्होंने रास्ते में पड़ने वाले तीर्थस्थलों के भी दर्शन किए, जैसे ओडिशा के जगन्नाथ पुरी, महाराष्ट्र के त्र्यंबक ज्योर्तिलिंग और द्वारका जैसे महत्वपूर्ण स्थान शामिल हैं। उनका लक्ष्य है कि वह अगले 10 दिनों में अयोध्या पहुंच जाएं।

शास्त्री का कहना है कि मेरे पिता अयोध्या में कार सेवा कर चुके हैं। पिता भगवान हनुमान के बहुत बड़े भक्त थे। उनकी इच्छा थी कि अयोध्या में राम मंदिर बने। अब वह नहीं रहें इसलिए मैं उनकी इच्छा पूरी कर रहा हूं।

उनका कहना है कि 20 जुलाई से यात्रा शुरू करने के बाद उन्हें कुछ दिनों के लिए ब्रिटेन जाना पड़ा था। इस वजह से जब मैं वापस आया तो यात्रा दोबारा वहीं से शुरू की, जहां से यात्रा अधूरी छोड़कर मैं ब्रिटेन गया था।

शास्त्री फिलहाल अयोध्या से 272 किलोमीटर दूर चित्रकूट पहुंचे हैं। उनके साथ पांच और लोग भी हैं। कहा जा रहा है कि शास्त्री की इच्छा है कि वह अयोध्या में ही स्थाई रूप से एक घर बनाकर बस जाएं।

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