AMIT JOGI_AMIT SHAH: छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी (जेसीसीजे) का बीजेपी में विलय हो सकता है।
AMIT JOGI_AMIT SHAH: छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी (जेसीसीजे) का बीजेपी में विलय हो सकता है। 8 जनवरी को नई दिल्ली में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। ऐसे में जेसीसीजे का बीजेपी में विलय होने को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
AMIT JOGI_AMIT SHAH: छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारे में दबी जुबान से इस बात की जमकर चर्चा हो रही है। हालांकि जोगी ने इस मुलाकात को ‘शिष्टाचार भेंट’ करार दिया है। इस संबंध में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। आनन-फानन में शाह से मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी के कार्यकर्ता अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं, इसलिए वो कांग्रेस के बाद अब बीजेपी में विलय चाहते हैं।
हाल ही में जेसीसीजे के कई कार्यकर्ता बीजेपी में प्रवेश किए हैं। वहीं विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी के कई सीनियर कार्यकर्ताओं ने बीजेपी में प्रवेश किया था। विधानसभा चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। ऐसे में पार्टी कार्यकर्ता बेहद नाराज चल रहे हैं। ऐसे दौर में जोगी का शाह से मुलाकात करने पर विलय को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि अमित जोगी ने इस संबंध को कोई अधिकृत बयान नहीं दिया है।
इस बार के विधानसभा चुनाव में पार्टी का एक भी पत्ता नहीं खुलने पर जेसीसीजे प्रदेश अध्यक्ष ने रायपुर के सागौन बंगले में समीक्षा बैठक ली थी। इसमें लोकसभा, नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर रणनीति बनाई गई थी। इस दौरान जोगी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से उनका व्यक्तिगत सुझाव भी मांगा था। वर्तमान में पार्टी के अधिकांश नेता बीजेपी के साथ विलय करने को लेकर सहमत दिखाई दे रहे हैं।
आगामी तीन महीने में लोकसभा चुनाव होना है, जिसे लेकर बीजेपी ने अभी से कमर कस ली है। वहीं अमित जोगी ने कुछ दिनों पहले ही अपनी मां रेणु जोगी के साथ प्रदेश के नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साव से मिलने पहुंचे थे, जिसकी तस्वीरें उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर भी की थी। उस दौरान भी कयासों का दौरा गर्म था।
अमित जोगी छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद कुमार जोगी के पुत्र हैं। वो जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष हैं। विधानसभा चुनाव 2023 में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ पाटन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था पर हार गए।
AMIT JOGI_AMIT SHAH: बात विधानसभा चुनाव 2018 की करें तो जेसीसीजे ने बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। जिसमें बसपा के 2 और जेसीसीजे के 5 विधायक चुनाव जीते थे। इस बार के चुनाव में पार्टी का वोट शेयर भी घट गया है। आपसी अंतर्कलह और मनमुटाव से अधिकांश सीनियर नेता पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं। साल 2018 में जेसीसी के टिकट पर विधायक बने प्रमोद शर्मा विधानसभा चुनाव 2023 के पहले कांग्रेस में तो धर्मजीत सिंह भाजपा में शामिल हो गए हैं। सिंह बीजेपी के विधायक हैं। दूसरी और पार्टी अध्यक्ष रेणु जोगी भी इस बार के चुनाव में कोटा से हार चुकी हैं।
AMIT JOGI_AMIT SHAH: अमित जोगी कभी कांग्रेसी हुआ करते थे। पिता अजीत जोगी के साथ कांग्रेस से अलग होकर उन्होंने 2016 में नई पार्टी बनाई। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने बसपा के साथ एलांयस किया। अजीत जोगी की पार्टी को पांच और बसपा को दो सीटें मिलीं। राज्य में भारी बहुमत के साथ कांग्रेस सरकार आ गई। साल 2020 में अजीत जोगी नहीं रहे। अजीत जोगी के निधन के बाद उनकी पत्नी रेणु जोगी ने इस पार्टी का विलय कांग्रेस में करने की कोशिशें शुरू कीं। यह कोशिशें करीब-करीब परवान भी चढ़ गईं थीं, लेकिन एक शर्त की वजह से सब कुछ रुक गया।
सोनिया गांधी इस विलय के खिलाफ नहीं थीं, इसलिए पार्टी के नेताओं ने रेणु को दो टूक तो मना नहीं किया, लेकिन उनके सामने एक शर्त रख दी गई। रेणु जोगी से कहा गया कि कांग्रेस पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सभी नेताओं को कांग्रेस में ले लेगी, लेकिन वह अमित जोगी को नहीं लेगी। अमित के बिना यदि पार्टी विलय करना चाहती है, तो विचार किया जा सकता है। जैसा कि स्वाभाविक ही थी इस शर्त के बाद विलय की बात टूट गई।