Amethi Loksabha Seat: 25 साल बाद इस बार गांधी परिवार ने अपने वफादार किशोरी लाल शर्मा को कांग्रेस प्रत्याशी बनाया है। उनका मुकाबला भाजपा की तेज तर्रार नेता स्मृति जूबिन ईरानी से है। प्रियंका गांधी लगातार यहां प्रचार कर रही हैं। आम बातचीत में लोग यही कहते हैं कि चुनाव तो बड़ी दीदी (स्मृति) बनाम छोटी दीदी (प्रियंका) है।
देश की हाईप्रोफाइल सीटों में से एक अमेठी कभी गांधी परिवार का पर्याय थी। 25 साल बाद इस बार गांधी परिवार ने अपने वफादार किशोरी लाल शर्मा को कांग्रेस प्रत्याशी बनाया है। उनका मुकाबला भाजपा की तेज तर्रार नेता स्मृति जूबिन इरानी से है। प्रियंका गांधी लगातार यहां प्रचार कर रही हैं। आम बातचीत में लोग यही कहते हैं कि चुनाव तो बड़ी दीदी (स्मृति) बनाम छोटी दीदी (प्रियंका) है।
Amethi Loksabha Seat – इंडिया ग्रुप के कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा को कमजोर नहीं समझना चाहिए। गांधी परिवार उनके साथ है। प्रियंका नामांकन में आईं। सभाएं व रोड शो कर रही हैं। परिवार के काम गिना रही हैं। दादी इंदिरा गांधी व पिता राजीव गांधी की मौत को देश के लिए शहादत बताती हैं तो लोगों में सहानुभूति नजर आती है। ऐसे में किशोरी हारें या जीतें, उसका श्रेय या नुकसान दीदी के ही मत्थे जाएगा। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी स्मृति इरानी राहुल के चुनाव न लड़ने को हार का डर कहकर तंज जरूर कसती हैं, लेकिन वह किशोरी को बिल्कुल भी हल्के में नहीं ले रही हैं।
अमेठी में ये सब लड़ रहे हैं चुनाव
स्मृति जूबिन इरानी केंद्रीय बाल विकास एवं महिला कल्याण मंत्री हैं। 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के राहुल गांधी को हराकर निर्वाचित हुई थीं। इस बार फिर भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं।
किशोरीलाल शर्मा गांधी परिवार से करीब 40 साल पुराना नाता है। कांग्रेस ने राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव न लड़ने पर शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। शर्मा पहली बार कोई चुनाव लड़ रहे हैं।
नन्हे सिंह चौहान सुल्तानपुर के रहने वाले नन्हे सिंह चौहान को बसपा ने उतारा है। चौहान पहली बार संसदीय चुनाव लड़ रहे हैं। वह कारोबारी हैं।