Chhattisgarh News: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंत्रियों को फ्री हैंड दे गिया है। इन मंत्रियों के 6 महीने के रिपोर्ट कार्ड से जिम्मेदारी तय होगी।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य में विकास की गति को बढ़ाने के उद्देश्य से अपने मंत्रियों को पूरी स्वतंत्रता दे दी है। अब हर 6 महीने में मंत्रियों के कामकाज का गहन समीक्षा की जाएगी, जिसके आधार पर उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि केवल बेहतर प्रदर्शन ही उन्हें आगे की जिम्मेदारियों का पात्र बनाएगा।
**विकास पर फोकस और जनता की समस्याओं का समाधान**
मुख्यमंत्री साय का जोर इस बात पर है कि सभी मंत्री अपने-अपने विभागों और प्रभारी जिलों में विकास कार्यों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएं। साथ ही क्षेत्रीय स्तर पर जनता की समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाए। इस नई नीति के चलते सभी मंत्री अपने विभागों के कामकाज और सरकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन पर पूरा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, ताकि उनकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री और संगठन दोनों स्तरों पर सकारात्मक जाए।
**सीएम के फ्री हैंड नीति की वजह**
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का यह मानना है कि मंत्रियों को फ्री हैंड देने से वे अपनी जिम्मेदारियों को अधिक प्रभावी ढंग से निभा सकेंगे। इससे न केवल विभागीय योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन होगा, बल्कि जनता की छोटी से छोटी समस्याओं पर भी ध्यान दिया जा सकेगा। सीएम का लक्ष्य है कि सरकार के कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता लाई जाए, जिससे विकास का लक्ष्य सब तक पहुंच सके।
**कांग्रेस सरकार की अंतर्कलह की सीख**
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में सत्ता का केंद्रीयकरण अंतर्कलह का मुख्य कारण था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सत्ता का नियंत्रण सीएम तक सीमित रहने के कारण मंत्रियों के बीच असंतोष पनपने लगा था। यह अंदरूनी कलह और सत्ता के गतिरोध ने कांग्रेस सरकार की विफलता को और बढ़ा दिया था।
**सीएम साय की समीक्षा प्रक्रिया**
मुख्यमंत्री साय ने मीडिया से कहा कि उनकी सरकार “सबका साथ, सबका विकास” की नीति पर काम कर रही है, जिसमें मंत्रियों को स्वतंत्र रूप से जिम्मेदारी सौंपी गई है। काम के आधार पर समीक्षा हो रही है और इसे आगे भी जारी रखा जाएगा। इस प्रक्रिया से किसी भी तरह की खामियों को समय रहते ठीक किया जा सकेगा।
**पूर्व सीएम भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया**
इस बीच, कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को पहले अपने विभागों की समीक्षा करनी चाहिए। भूपेश बघेल ने व्यंग्य करते हुए कहा कि शिक्षा, माइनिंग और शराब के मुद्दों पर सरकार पूरी तरह विफल रही है, और भाजपा सरकार किस आधार पर सुशासन के दावे कर रही है जब लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।
**मंत्रियों के सामने चुनौती**
मुख्यमंत्री साय के सख्त रवैये और कड़े निर्देशों के बाद अब मंत्रियों के सामने अपनी जिम्मेदारियों पर खरा उतरने की चुनौती खड़ी हो गई है। आने वाले समय में रिपोर्ट कार्ड के आधार पर तय होगा कि कौन मंत्री अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभा रहा है और कौन नहीं।