WHO Cholera Report: डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मानें तो दुनिया में हैजा के मामले 13 फीसदी बढ़े हैं। हैजे के कारण आंतों में तीव्र संक्रमण होता है। दूषित पानी पीने से ये फैलता है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 से 2023 तक हैजे का भौगोलिक वितरण काफी हद तक बदल गया। मध्य पूर्व और एशिया से रिपोर्ट किए गए मामलों में 32 फीसदी की कमी और अफ्रीका में 125 फीसदी की वृद्धि हुई।
दुनियाभर में 2022 की तुलना में 2023 में हैजा के मामलों में 13 फीसदी और मौतों में 71 फीसदी की वृद्धि हुई है। पिछले साल 4,000 से अधिक लोगों की मृत्यु इस बीमारी से हुई, जिसे आसानी से इलाज के जरिये रोका जा सकता था। यह बात विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट में सामने आई है।
रिपोर्ट में वर्ष 2023 में दुनियाभर में हैजे की बीमारी के आंकड़े प्रकाशित किए हैं। इस बार यह रिपोर्ट में 45 देशों के आंकड़े शामिल रहे, जो वर्ष 2022 के 44 और 2021 के 35 देशों से अधिक हैं। रिपोर्ट किए गए मामलों में से फीसदी मामले पांच साल से कम उम्र के बच्चों के थे।
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 से 2023 तक हैजे का भौगोलिक वितरण काफी हद तक बदल गया। मध्य पूर्व और एशिया से रिपोर्ट किए गए मामलों में 32 फीसदी की कमी और अफ्रीका में 125 फीसदी की वृद्धि हुई। अफ्रीका के कई देशों से मौतों के एक बड़े अनुपात की जानकारी सामने आई है, जो उपचार तक पहुंच में कमी को दिखाता है।
यह पहला ऐसा साल है जब कई देशों ने स्वास्थ्य सुविधाओं के बावजूद हैजे के कारण से होने वाली मौतों की जानकरी दी है, जिन्हें सामुदायिक मौतें कहा जाता है। रिपोर्ट करने वाले 13 देशों में से पांच में हैजा से होने वाली मौतों में से एक तिहाई से अधिक मौतें सामुदायिक हुईं।
अफगानिस्तान, कांगो, मलावी और सोमालिया ने 10,000 से अधिक संदिग्ध या पुष्टि किए गए मामलों की रिपोर्ट जारी है, जबकि इथियोपिया, हैती, मोजाम्बिक और जिम्बाब्वे में 2023 में इस संख्या में और इजाफा हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि दुनियाभर में हैजा संकट 2024 में जारी है। वर्तमान में 22 देशों में इसके सक्रिय प्रकोप की जानकारी मिली है।
हालांकि, 2024 में अब तक रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में कम हैं, लेकिन 22 अगस्त तक सभी महाद्वीपों में 3,42,800 मामले और 2400 मौतें पहले ही रिपोर्ट की जा चुकी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, हैजे के कारण आंतों में तीव्र संक्रमण होता है जो दूषित भोजन-पानी से फैलता है। स्वच्छता की कमी, संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, गरीबी, प्राकृतिक आपदाओं से फिर से उभरने वाले संघर्षों और आपदा जैसी वजहें पिछले साल के हैजे के प्रकोप के लिए जिम्मेदार हैं।