Himanta Biswa: लव जिहाद और लैंड जिहाद को लेकर अब असम की बीजेपी सरकार और ज्यादा सख्त सजा के प्रावधान लाने वाली है।
उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने हाल ही में लव जिहाद को लेकर ऐलान किया है कि वह इस कानून के तहत अधिकतम सजा को उम्रकैद तक संशोधित करेगी।
इस बीच कुछ ऐसा ही ऐलान सीएम योगी के बाद बीजेपी के दूसरे सबसे फायरब्रांड मुख्यमंत्री यानी हिमंता बिस्वा सरमा ने किया है।
हिमंता के मुताबिक यूपी की तरह ही अब असम में भी लव जिहाद के कानून में अधिकतम सजा उम्रकैद तक की होगी, इसको लेकर जल्द ही कानून में संशोधन किया जाएगा।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमने चुनाव के दौरान लव जिहाद’ के बारे में बात की थी. ऐसे में हम जल्द ही एक कानून लाएंगे, जिसमें ऐसे मामलों में आजीवन कारावास की सजा होगी।
असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि असम सरकार ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच जमीन की बिक्री को लेकर भी फैसला किया है।
हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य सरकार इस तरह के लेनदेन को रोक नहीं सकती है लेकिन आगे बढ़ने से पहले मुख्यमंत्री की सहमति लेना जरूरी कर दिया गया है।
बता दें कि ज्यादातर बीजेपी शासित राज्यों में इस तरह के जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून हैं।
ऐसे में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने वाले पहले राज्यों में सबसे पहले नंबर पर यूपी रहा था।
अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गैरकानूनी धर्म परिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक, 2024 को संशोधित करने की योजना बनाई है, जिसकी विपक्ष ने कड़ी आलोचना की है।
यूपी की योगी सरकार ने प्लान बनाया है कि लव जिहाद कानून में अधिकतम सजा उम्रकैद तक बढ़ाई जाएगी। समाजवादी पार्टी ने तो इसे समाज में शत्रुता पैदा करने वाला विभाजनकारी कदम करार दिया है।
यही तो है बाढ़ की वजह दिल्ली के नालों की हालत देख बिफरे LG, MCD पर फूटा गुस्सा सीएम ने यह भी कहा है कि जल्द ही एक नई अधिवास नीति पेश की जाएगी जिसके तहत केवल असम में जन्में लोग ही राज्य सरकार की नौकरियों के लिए पात्र होंगे।
उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व वादे के अनुसार प्रदान की गई ‘एक लाख सरकारी नौकरियों’ में स्वदेशी लोगों को प्राथमिकता मिली है, जो पूरी सूची प्रकाशित होने पर स्पष्ट होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि असम सरकार ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच जमीन की बिक्री को लेकर भी अहम फैसला किया है।
सीएम हिमंता ने कहा कि राज्य सरकार इस तरह के लेनदेन को रोक नहीं सकती है, लेकिन आगे बढ़ने से पहले मुख्यमंत्री की सहमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है।