6 सदस्य समर्थन में थे तो 4 ने किया विरोध
Mahua Moitra Graft Case: तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने (Cash for Query) के आरोप में एथिक्स कमेटी ने जांच रिपोर्ट मंजूर कर ली है. संसद की एथिक्स कमेटी (Ethics Committee) ने गुरुवार (9 नवंबर) को मीटिंग की. इसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के सभी सांसद शामिल हुए. मीटिंग में चेयरमैन विनोद कुमार सोनकर ने जांच रिपोर्ट पेश की.
इस रिपोर्ट के समर्थन में कमेटी के 6 सदस्यों ने वोटिंग की, जबकि 4 सदस्यों ने इसका विरोध किया. कमेटी ने आज की मीटिंग में महुआ मोइत्रा को भी शाम 4 बजे पेश होने को कहा था. हालांकि, मोइत्रा कमेटी के सामने पेश नहीं हुईं.
रिपोर्ट में कमेटी ने मोहुआ मोइत्रा को लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित करने, कड़ी सजा और मनी ट्रेल की जांच भारत सरकार की एजेंसी से कराने की सिफारिश की है. अब कमेटी शुक्रवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के पास जांच रिपोर्ट भेजेगी.
एथिक्स कमेटी की कंपोजिशन के मुताबिक, बहुमत एनडीए का है. कमेटी में चेयरमैन समेत कुल 15 सदस्य हैं. कमेटी में बीजेपी के 7 सदस्य हैं. महुआ मोइत्रा घूसकांड मामले में जांच रिपोर्ट के पक्ष में परनीत कौर (कांग्रेस), हेमंत गोडसे (शिवसेना), सुमेधानंद (बीजेपी), अपराजिता सारंगी (बीजेपी), राजदीप रॉय (बीजेपी) और विनोद कुमार सोनकर (बीजेपी और चेयरमैन) ने वोट किए. जबकि बीएसपी सांसद दानिश अली, पीआर नटराजन (सीपीएम), वैथिलिंगम (कांग्रेस), गिरधारी यादव (जेडीयू) ने इसका विरोध किया. अब कमेटी शुक्रवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के पास जांच रिपोर्ट भेजेगी. सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने की सिफारिश की है.
एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद कुमार सोनकर ने कहा, “महुआ मोइत्रा पर जो आरोप था, इसे लेकर एथिक्स कमेटी ने जांच के बाद रिपोर्ट तैयार की थी. आज की मीटिंग का ये सिंगल एजेंडा था. इस मीटिंग में रिपोर्ट पेश की गई और इसे अडॉप्ट किया गया. रिपोर्ट के समर्थन में 6 सदस्य थे. 4 लोगों ने इसका विरोध किया है. कमेटी ने जांच के बाद जो फैक्ट और फाइंडिंग पाई है, उसकी डिटेल रिपोर्ट बनाकर अपनी सिफारिशों के साथ 10 नवंबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के पास भेजा जाएगा. अब इस मामले में आगे जो भी एक्शन लेना है, वो लोकसभा स्पीकर की तरफ से ही लिया जाएगा.”
घूसकांड के आरोपों पर महुआ मोइत्रा 2 नवंबर को एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुई थीं. इस दौरान महुआ ने कमेटी के सामने हंगामा किया था. कमेटी के चेयरमैन विनोद कुमार सोनकर ने महुआ से पूछे गए सवालों के तोड़-मरोड़ कर पेश करने, जनता की भावनाए भड़काने और कमेटी के अन्य सदस्यों के आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश की.
सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा के व्यवहार को अनैतिक मानते हुए उनकी संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, एथिक्स कमेटी ने अपनी 500 पेज की रिपोर्ट में लोकसभा सचिवालय से महुआ मोइत्रा के लिए कड़ी सजा की सिफारिश की है. कमेटी ने कहा कि इस पूरे मामले की विधि सम्मत, सघन, संस्थागत और समयबद्ध जांच हो. बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से महुआ मोइत्रा के कैश लेन-देन की भी जांच की सिफारिश की गई है.
एथिक्स कमेटी ने अपनी सिफारिश में सबसे प्रमुख आधार राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाया गया. अपनी सिफारिश में कमेटी ने कहा है कि महुआ मोइत्रा ने अपनी संसदीय अकाउंट की लॉग-इन डिटेल अनाधिकृत व्यक्तियों के साथ शेयर की हैं, जिसका असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ता है. कमेटी ने इसे गंभीर अपराध माना है और इसलिए महुआ मोइत्रा की लोकसभा की सदस्यता बर्खास्त करने की सिफारिश की गई है. एथिक्स कमेटी ने लॉग-इन आईडी और पासवर्ड शेयर करने के आरोपों पर कहा है कि इस गंभीर अपराध के लिए महुआ को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.