Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस के फुलराई गांव में भोलेबाबा का प्रवचन कार्यक्रम चल रहा था। इस दौरान समापन के बाद अचानक भगदड़ मच गई। कार्यक्रम में शामिल होने आए 134 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई। 72 लोगों की शिनाख्त हो पाई है।
सैकड़ों भक्त भीषण गर्मी से बेहोश हो गए। बुधवार सुबह ही मौके पर फरेंसिंक टीम जांच के लिए पहुंच गई है। आज सीएम योगी आदित्य नाथ के भी हाथरस आने की चर्चा है।
योगी, मोदी, शाह समेत देश भर के नेताओं ने हादसे पर दुख जताया है। पीएम मोदी और सीएम योगी ने मृतक के परिवार को 2-2 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। घायलों को 50-50 हजार की मदद राशि दी जाएगी।
हाथरस हादसे को लेकर एक एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें आयोजनकर्ता मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और दूसरे सेवादारों को आरोपी बनाया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को छिपाया। कार्यक्रम के लिए महज 80 हजार की अनुमति ली गई। लेकिन करीब ढाई लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड इकट्ठी हो गई।
हाथरस जिला अस्पताल में भर्ती घायलों का हाल जानने पहुचेंगे प्रदेश के मुख्यमंत्री। हाथरस पुलिस लाइन में 10 बजे पहुचेंगे योगी आदित्यनाथ। पुलिस लाइन में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से घटना के संबंध में बातचीत करेंगे।
हाथरस हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीधी नजर रख रहे हैं। उन्होंने ADG, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित र दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने 24 घंटों में रिपोर्ट मांगी है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और संदीप सिंह हाथरस पहुंचकर राहत-बचाव कार्य और जांच को आगे देखेंगे।
मंगलवार को हाथरस में हुई भगदड़ की जांच के लिए मौके पर फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई है। फोरेंसिक टीम ने डॉग स्क्वॉड के साथ जांच शुरू कर दी है। आज सीएम योगी के भी हाथरस पहुंचने की संभावना है।
हाथरस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के अलग-अलग आंकड़े सामने आ रहे हैं। हालांकि, मंगलवार की देर रात यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार और सीएस मनोज कुमार सिंह ने पुष्टि की है कि अभी तक 116 लोगों की मौत हुई है।
इसमें 7 बच्चे हैं। एक पुरुष है और बाकी सभी महिलाएं हैं। इसमें जिन लोगों की शिनाख्त हो पाई है, ऐसे सिर्फ 72 लोग हैं। लापता कोई नहीं है। बाकी लोगों की शिनाख्त की कार्रवाई की जा रही है।
हाथरस हादसे के बाद मृतक के परिजनों ने प्रशासन पर सवाल उठाया है। हादसे में जान गंवाने वाले एक व्यक्ति के परिजन अजीत कुमार ने बताया कि यहां अस्पताल में किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं थी।
डॉक्टर इधर-उधर घूम रहे थे। हमको केवल बताया गया कि परिजन की मौत हो चुकी है। लाशें ऐसे ही पड़ी हैं और कुछ लोगों को लाश भी नहीं मिल पा रही है। प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं है। एक और मृतक के परिजन ने भी सवाल उठाया है कि जहां केवल पांच हजार लोगों को इकट्ठा होने की इजाजत मिल सकती थी, वहां इतनी गर्मी में लाखों की संख्या में लोग कैसे जुट गए?
बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि 100 से ऊपर लोग मृत हैं, जिसमें से 99 प्रतिशत दलित हैं। इसकी जिम्मेदार उत्तर प्रदेश की सरकार भी है और केंद्र सरकार भी है।
उन्होंने कहा कि निंदा प्रस्ताव के लिए इनके पास समय था लेकिन 100 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई उसके मौन के लिए इनके पास समय नहीं था। सरकार को देश से माफी मांगनी चाहिए और साथ-साथ इन सभी मौतों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
‘भोले बाबा’ के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में मौत के बाद एटा के पोस्टमार्टम गृह पर आए एक वृद्ध कैलाश ने बताया कि आज ‘साकार विश्व हरि भोले बाबा’ के सत्संग में बड़ी संख्या में भक्तगण शामिल हुए और आरती के बाद वापस आते समय रास्ते में कीचड़ था, जिससे बचने को लेकर लोग वहां गिर गए और भगदड़ मच गई।
उन्होंने कहा कि लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए और इसी बीच पीछे से आ रही भीड़ गिरे हुए लोगों को कुचलते हुए आगे (रिपीट) आगे बढ़ गयी जिसमें बडी संख्या में लोगों की मौत हो गई और भारी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं।
सत्संग में भगदड़ से हुई मौतों की संख्या बढ़ गई है। खबर है कि अब तक 134 लोग मारे जा चुके हैं। हाथरस में 107 और एटा में 27 लाशें अब तक गिनी जा चुकी हैं।
राहत कार्य में लगे लोगों का कहना है कि मरने वालों की संख्या और भी बढ़ सकती है। अभी भी पंडाल में कुछ लोगों के दबे होने की खबर है। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे है।
हाथरस की दुर्घटना पर मुख्यमंत्री ने दुःख जताया है। उन्होंने कहा कि मामले की गहन जांच होगी। योगी ने ऐलान किया है कि मृतकों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री हादसे पर स्वयं पल-पल के घटनाक्रम पर सीधी नजर रख रहे हैं।
दो मंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी को मुख्यमंत्री ने मौके पर भेजा है। एडीजी, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं। कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध होएफआईआर होगी और बड़ी कार्रवाई की जाएगी।