Chhattisgarh Voting: छत्तीसगढ़ में पहले चरण की 20 सीटों पर वोटिंग का काम पूरा हो गया है. पोलिंग पार्टियां वापस आ चुकी हैं, लेकिन चुनाव आयोग की ओर से फाइनल वोटिंग प्रतिशत की जानकारी कल दी जाएगी, लेकिन जो सूचना मिली है, उसके मुताबिक राज्य में 70.87 फीसदी मतदान हुआ है, जो 2018 में हुए मतदान से छह फीसदी कम है.
जिन 20 सीटों पर वोटिंग हुई है, उनमें 19 सीटें कांग्रेस के पास हैं. सिर्फ राजनांदगांव सीट से भाजपा के पूर्व सीएम रमन सिंह जीते थे. 2018 में दंतेवाड़ा सीट से भाजपा की जीत हुई थी, लेकिन नक्सली हमले में विधायक की मौत हुई थी, जिसके बाद हुए उप चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई थी. ऐसे ही खैरागढ़ सीट भी जेसीसीजे के पास थी, लेकिन उप चुनाव में कांग्रेस का कब्जा हो गया था.
अगर विधानसभा के हिसाब से वोटिंग के बात करें, तो डोंगरगढ़ में 72.40, राजनांदगांव में 74, खुज्जी में 72.01, डोंगरगांव में 76.80, कांकेर में 76.13, अंतागढ़ में 70.72, भानुप्रतापपुर में 79.10, कवर्धा में 72.89, पंडरिया में 71.06, केशकाल 74.49, कोंडागांव 76.29, खैरागढ़ में 76.13, नारायणपुर में 63.88, चित्रकोट 70.36, जगदलपुर में 75, बस्तर में 71.39, बीजापुर में 40.98, मोहला-मानपुर 76, कोंटा 50.12 और दंतेवाड़ा में 62.55 फीसदी मतदान हुआ है.
मतदान के दौरान नक्सली हिंसा की खबरें आईं, तो मतदान बहिष्कार का फैसला भी खबर बना, लेकिन इस सबके बाद भी लोकतंत्र के महापर्व में वोटर बड़ी संख्या में पोलिंग बूथ पर पहुंचे, हालांकि ये आंकड़ा पिछले चुनाव के बराबर नहीं पहुंच सका. सुबह सात बजे जैसे ही अति संवेदशील 10 सीटों पर पोलिंग शुरू हुई. बड़ी संख्या में मतदाता घरों से निकले और वोटिंग के लिए कतार में लग गये. इन सीटों के प्रत्याशी भी पहले मतदान के लिए बूथों पर पहुंचे, वोटिंग करने के बाद वोटरों से ज्यादा से ज्यादा वोटिंग की अपील की.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले चरण में 18 से 19 सीटों पर जीत का दावा किया और कहा कि पूर्व सीएम रमन सिंह इस बार अपनी सीट नहीं बचा सकेंगे. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर दशकों बाद इस बार मतदान हो रहा है. इससे साफ है कि हमारी सरकार में नक्सली सिमटे हैं और शांति बढ़ी है. वहीं, पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि इस बार पूरे बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनेगी. वोटरों ने बदलाव के पक्ष में वोटिंग की है.
वहीं, सुबह जैसे वोटिंग शुरू हुई, नक्सली सक्रिय हुए. दो- तीन स्थानों पर नक्सलियों ने हमले की कोशिश की, लेकिन उसे नाकाम कर दिया गया है. हालांकि इस दौरान एक जवान और एक किसान जख्मी हो गया.
बीजापुर में पदेड़ा दक्षिण में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें दो से तीन नक्सलियों के मारे जाने की खबर है. ऐसा दावा किया गया कि मौके से नक्सली दो से तीन शव लेकर भागते हुए दिखे. दस मिनट की इस मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बल इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. मौके पर खून के धब्बे मिले हैं.
इससे पहले मतदान शुरू होने के बाद सुकमा में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कराया, जिसमें एक जवान जख्मी हो गया. वहीं, कांकेर, नारायणपुर और सुकमा में नक्सलियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हुई. सुकमा के मीनपा में मुठभेड़ काफी देर तक चलती रही. यहां पर 22 साल बाद पहली बार मतदान हो रहा है.
कांकेर के माड़पखांजूर और उलिया के जंगल में भी नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई, जो आधा घंटे तक चली. बीएसएफ और बस्तर फाइटर्स के सामने नक्सली नहीं टिके. जंगल की ओर भाग निकले. यहां पर सुरक्षा बलों ने एक एके – 47 राइफल बरामद की. इलाके में सर्च अभियान चलाया गया.
सुकमा के ताड़मेटला और दुलेड़ में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई. यहां 206 कोबरा बटालियन के जवानों ने नक्सलियों को भागने पर मजबूर किया. ऐसी सूचना है कि घटना में कुछ जवान जख्मी हुए हैं. इधर, नक्सलियों ने कोंटा के बंडा इलाके में पोलिंग बूथ के बाहर हमला किया. जवानों की ओर से जवाब में फायरिंग की गयी, जिससे नक्सली मौके से भाग गये.
नारायणपुर में ओरछा के तादुर के जंगल में भी मुठभेड़ की सूचना आयी, यहां भी सुरक्षा बलों के जवानों की मुस्तैदी से नक्सलियों को भागना पड़ा. दंतेवाड़ा के अरनपुर में नक्सलियों ने मतदान पार्टी को नुकसान पहुंचाना चाहा, इसके लिए आईईडी प्लांट की थी, लेकिन इसे जवानों ने बरामद कर लिया.
अरनपुर से सोमापारा के बीच जवानों ने दो किलो के दो प्रेशर आईईडी बरामद किये गये. दंतेवाड़ा एडिशनल एसपी कृष्ण कुमार चंद्राकर ने बताया कि सीआरपीएफ की टीम थाना अरनपुर से सोमापारा की तरफ आरओपी करती हुई आ रही थी कि इसी दौरान सुरक्षा बलों ने देखा की पुलिस पार्टी व मतदान दलों केा नुकसान पहुंचाने की नियत से नक्सलियों की ओर से 02 प्रेशर आईईडी लगा रखी है. इससे सुरक्षा बलों के मुस्तैदी से आईईडी बरामद कर ली.