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Bihar Exit Poll 2024: बिहार का एग्जिट पोल में एनडीए का जलवा, महागठबंधन को भारी चोट

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Bihar Exit Poll 2024: बिहार में सात चरणों के तहत मतदान के बाद आए 40 सीटों के एग्जिट पोल में एनडीए का जलवा बरक़रार है।

सी-वोटर का भी एग्जिट पोल आ गया है। इसने भी बिहार की 40 सीटों का अनुमान जारी किया है। इस एग्जिट पोल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 34 से 38 सीटें दी हैं। कांग्रेस+ को इसने तीन से पांच सीटें दी हैं। इस एग्जिट पोल में अन्य के खाते में एक भी सीट नहीं दी गई है।

बिहार की 40 सीटों पर टुडेज़ चाणक्या का भी एग्जिट पोल आ गया है। इसने भारतीय जनता पार्टी व सहयोगी दलों को 36 सीटें दी हैं, लेकिन साथ ही चार सीटें कम या ज्यादा होने का भी अनुमान रखा है।

इसी तरह कांग्रेस व सहयोगी, यानी महागठबंधन को चार सीटें दी हैं। यह संख्या चार बढ़ या घट सकती हैं। अन्य के खाते में इस एग्जिट पोल ने भी एक सीट रखी है।

मैट्रिज के एग्जिट पोल में बिहार की 40 में से 32 से 37 सीटें एनडीए को दी गई हैं। इंडी एलायंस को दो से सात सीटें दी गई हैं। इस एग्जिट पोल में अन्य को एक सीट दी गई है।

इंडिया टीवी के एग्जिट पोल में भाजपा की सभी 17 सीटें कायम रह गई हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में जदयू को 16 सीटों पर जीत मिली थी, इस एग्जिट पोल ने उसे 11 से 13 सीटें दी हैं। मतलब, सीधा-सीधा नुकसान यहीं है।

इस एग्जिट पोल ने लोजपा को भी नुकसान दिखाया है। लोजपा-रामविलास को तीन से चार सीटें मिलने का अनुमान दिखाया है। इस एग्जिट पोल में हम अपनी इकलौती सीट जीत रहा है।

उपेंद्र कुशवाहा के लिए अनुमान अस्पष्ट है। लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद को तीन से पांच सीटें दी जा रही हैं। कांग्रेस को इस एग्जिट पोल में दो सीटें दी जा रही हैं- किशनगंज और कटिहार। अन्य के खाते में एक सीट है।

मैट्रिज़ एग्जिट पोल ने बिहार में इस एग्जिट पोल ने एनडीए को 32 से 37 सीटें दी हैं। महागठबंधन को इसने दो से सात सीटें दी हैं। अन्य (निर्दलीय) को एक सीट दे रहा है।

आजतक-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के अनुसार, बिहार में 48 प्रतिशत वोट एनडीए के खाते में जा रहे हैं। पिछली बार 56 प्रतिशत वोट प्रतिशत आया था। दो पार्टिंयां जुड़नें के बावजूद नुकसान की बात सामने आ रही है।

वहीं महागठबंधन को इस बार बिहार में 42 प्रतिशत वोट प्रतिशत मिला है। जबरदस्त उछाल है। बिहार में एनडीए को 27 से 32 सीटें मिलने का दावा किया गया है।

भाजपा को 17 की जगह 13 से 15 सीटें मिलेंगी। जदयू को 16 की जगह नौ से 11 सीटों पर जदयू की जीत संभावित। लोजपा-रा को चार सीटें मिलने की उम्मीद है। महागठबंधन को 7 से 10 सीटें मिलने का दावा किया जा रहा।इसमें से अकेले राजद 6-7, कांग्रेस 1-2 सीटें मिलने का दावा किया जा रहा।

सबसे चर्चित सीट पूर्णिया में लोकसभा पप्पू यादव भारी पड़ रहे हैं। वहीं पाटलिपुत्र सीट पर मीसा भारती और रामकृपाल यादव में इस बार टक्कर है। इस सीट पर मीसा भारती भारी दिख रही हैं।

आज सातवें चरण के मतदान के साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 की मतदान प्रक्रिया संपन्न हो गई। शाम छह बजे तक मतदान हुआ। उसके बाद शाम करीब साढ़े छह बजे से एग्जिट पोल जारी होने शुरू हो गए। लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे।

नतीजों से पहले आज शाम को अलग-अलग मीडिया चैनलों और सर्वे एजेंसियों की तरफ से एग्जिट पोल जारी किए। रिपब्लिक टीवी पीएमएआरक्यू के अनुसार, एनडीए को 359, इंडी गठबंधन को 154, अन्य को
लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 39 पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने जीत दर्ज की थी।

उस हिसाब से देखा जाए तो 2019 के एग्जिट पोल में सबसे सटीक इंडिया टुडे-एक्सिस रहा था, जिसने भाजपा+ को 38 से 40 सीटें और महागठबंधन के खाते में शून्य से दो सीटें रखी थीं। महागठबंधन को सर्वाधिक 10 सीटें टाइम्स नाउ-वीएमआर के एग्जिट पोल में दिया गया था।

इसके सर्वे में भाजपा+ को 30 सीटें दी गई थीं। बाकी एग्जिट पोल में सीएनएन आईबीएन-आईपीएसओएस, एबीपी-एसी निल्सन, रिपब्लिक टीवी- सी वोटर, न्यूज24- चाणक्य, इंडिया टीवी- सीएनएक्स आदि ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा+ के लिए 32 से 34 सीटें रखी थीं, जबकि महागठबंधन+ के खाते में छह से आठ सीटें दी थीं।

विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख पिछली बार जितनी सीटों पर ही इस बार भी महागठबंधन के खाते से उतरे हैं। पिछली बार राजग में 17-17 सीटें भाजपा-जदयू ने अपने पास रखी थी और छह सीटें दिवंगत रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को दी थी।

भाजपा ने अपनी सभी 17 सीटें और लोजपा ने अपनी सभी सात सीटें जीती थीं। जदयू को एक सीट का नुकसान हुआ था, जो कांग्रेस के खाते में गई थी।

लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार के अंदर दूसरा समीकरण था और इस बार कुछ अलग है। पिछली बार जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा- सेक्युलर महागठबंधन के साथ थी। उपेंद्र कुशवाहा भी तब महागठबंधन के साथ ही थे। इस बार दोनों राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ हैं। दोनों को एक-एक सीटें एनडीए में मिली हैं और इसके सर्वेसर्वा ही मैदान में हैं।

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