Sushil Modi Death: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा के पूर्व सांसद सुशील मोदी के निधन पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शोक जताया है। साथ ही मृतात्मा के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना जताई है।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री, भाजपा परिवार के वरिष्ठ सदस्य श्री सुशील कुमार मोदी जी के देवलोकगमन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई।
प्रभु श्रीराम से पुण्यात्मा की शांति एवं शोकसंतप्त परिजनों को दुःख की इस घड़ी में संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ।
"ॐ शांति"
— Vishnu Deo Sai (Modi Ka Parivar) (@vishnudsai) May 13, 2024
Sushil Modi Death: कैंसर इलाज़ के लिए समय नहीं देता- यह आज भी उतना ही सच है। वरना, बिहार की राजनीति के दिग्गज़ सुशील कुमार मोदी 40 दिनों बाद ही रुख्सत नहीं हो जाते। बिहार में भारतीय जनता पार्टी की लंबे समय तक पहचान रहे दिग्गज नेता सुशील कुमार मोदी को कैंसर ने लील लिया। सुशील मोदी का सोमवार की रात दिल्ली में निधन हो गया। उनके निधन पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी है। मृतात्मा के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना जताई है।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि ‘बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री, भाजपा परिवार के वरिष्ठ सदस्य सुशील कुमार मोदी के देवलोकगमन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई। प्रभु श्रीराम से पुण्यात्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को दुःख की इस घड़ी में संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।
सुशील कुमार मोदी ने 03 अप्रैल को सार्वजनिक जीवन के लिए अंतिम संदेश दिया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- “पिछले 6 माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं। अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है। लोकसभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊंगा। प्रधानमंत्री को सब कुछ बता दिया है। देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित।”
यह लिखने के बाद जब सुशील मोदी बिहार आए तो एयरपोर्ट पर उनकी हालत देखते ही समर्थकों को झटका लगा था। उनका शरीर अचानक गिर गया था। इसके बाद उनके आवास पर भाजपा के कई दिग्गज मिलने के लिए पहुंचे तो परिजनों ने उनकी तस्वीर लेने से मना कर दिया था।
सुशील मोदी, नीतीश कुमार और लालू प्रसाद जेपी आंदोलन के बाद उभरे त्रिमूर्ति के रूप में जाने जाते थे। सुशील मोदी शुरुआत से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे। 1971 में सुशील मोदी ने छात्र राजनीति से राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत की थी। इसके बाद युवा नेता के रूप में इनकी पहचान विश्वविद्यालय से होते हुए राज्य की राजनीति तक पहुंची। साल 1990 में सुशील ने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने। इसके बाद बिहार की राजनीति में उनका कद बढ़ता ही चला गया।
2004 के लोकसभा चुनाव में सुशील मोदी भाजपा के टिकट पर भागलपुर से सांसद बने। 2005 में उन्होंने संसद सदस्यता से इस्तीफा दिया और बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री बने। विधान परिषद तब से वह विधान परिषद् के ही सदस्य थे। सुशील मोदी 2005 से 2013 और 2017 से 2020 तक बिहार के वित्त मंत्री रहे।
वर्ष 2020 में जब बिहार में फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते थे कि सुशील मोदी ही डिप्टी सीएम बनें। लेकिन, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया। कैंसर की घोषणा करते समय तक राज्यसभा सांसद ही थे। पिछले महीने ही उनका कार्यकाल भी खत्म हुआ था।