ED RAIDS: प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के परिसरों में छापेमारी कर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बरामद किए हैं।
बता दें कि झारखंड में पूर्व मंत्री के सचिव के पास से बरामद 35 करोड़ रुपये से अधिक रकम का मामला चर्चा में हैं। मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी- प्रवर्तन निदेशालय ने ग्रामीण विकास विभाग के परिसरों में छापेमारी की। ईड की कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में हो रही है।
झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और उनके घरेलू सहायक के पास से बरामद 35 करोड़ रुपये से अधिक रकम के बाद ईडी के अधिकारी लगातार इनसे पूछताछ कर रहे हैं। पूछताछ के आधार पर ईडी के अधिकारी बुधवार को ग्रामीण विकास विभाग के दफ्तरों की तलाशी लेने पहुंचे।
रिपोर्ट के मुताबिक पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर ईडी के अधिकारी कार्रवाई कर रहे हैं। बता दें कि सोमवार को हुई छापेमारी के दौरान ईडी के अधिकारियों ने 35 करोड़ रुपये से अधिक रकम जब्त की थी।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने रविवार शाम राजधानी रांची में छापेमारी की थी। कार्रवाई के दौरान बड़ी मात्रा में नोटों की गड्डियां बरामद की गईं। जिस कमरे में पैसे मिले, वहां मंत्री आलमगीर के सचिव संजीव लाल का नौकर जहांगीर रहता है। बता दें कि 70 साल के आलमगीर आलम कांग्रेस के नेता हैं और झारखंड की पाकुड़ सीट से विधायक हैं।
ईडी सूत्रों के अनुसार, छापेमारी में बरामद नोटों की संख्या इतनी अधिक थी कि 8 मशीनें लगानी पड़ीं। मशीनों की मदद से गिनती के बाद सोमवार देर रात आई खबर के मुताबिक 35.23 करोड़ रुपये बरामद किए गए। इतनी बड़ी रकम को ले जाने के लिए बड़े ट्रंक मंगाने पड़े।
ईडी का दावा है कि मामले में वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनेताओं के नाम सामने आए हैं। केंद्रीय एजेंसी इसकी जांच कर रही है। छापेमारी के बाद मंत्री आलमगीर के सचिव और उनके नौकर को ईडी ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया था।
मंत्री के 52 वर्षीय सचिव संजीव लाल पर प्रभावशाली लोगों की तरफ से कमीशन लेने का आरोप है। ईडी ने एक विशेष अदालत में दावा किया कि झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में निचले पदों पर काम कर रहे कर्मचारी से लेकर ऊंचे पदों पर बैठे हुक्मरानों तक अवैध नकद भुगतान की सांठगांठ में संलिप्त हैं।