NEET Exam Wrong Paper: छत्तीसगढ़ के बालोद में मेडिकल की सबसे बड़ी परीक्षा में बड़ी लापरवाही समाने आई है। छात्र छात्राओं को दो प्रश्नपत्र दिए गए। दोनों को हल कराने के बाद एक पेपर को कैंसल कराया गया।
बालोद में मेडिकल की सबसे बड़ी परीक्षा में बड़ी लापरवाही समाने आई है। छात्र छात्राओं को दो प्रश्नपत्र दिए गए। दोनों को हल कराने के बाद एक पेपर को कैंसल कराया गया।
मामले को लेकर अभिभावकों ने स्कूल कैंपस में जमकर हंगामा किया। अभिभावकों ने दोबारा परीक्षा आयोजित कराने की मांग कर कहे हैं। शिक्षकों को बंधक बनाकर पालक माफीनामा मांग रहे हैं। अभिभावकों ने बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।
मेडिकल क्षेत्र की सबसे बड़ी परीक्षा नीट के लिए पहली बार बालोद जिले में दो केंद्र बनाए गए थे और इस केंद्र में भारी लापरवाही देखने को मिली है। यहां पर बैंक से गलत एग्जाम पेपर लाकर छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने के समय कंफ्यूज किया गया।
45 मिनट अन्य परीक्षा प्रश्न पत्र को भरने के बाद उसे कैंसल कर दूसरा पत्र भरने कहा गया उसके बाद एक्स्ट्रा समय देने की बात कही और समय भी नहीं दिया गया। परीक्षा खत्म होने के बाद पूरी बात पैरेंट्स को पता चली जिसके बाद परीक्षा केंद्र में जमकर हंगामा हुआ।
अधिकारियों को स्कूल परीक्षा से निकलने नहीं दिया जा रहा है परीक्षा के समय दो-दो प्रश्नपत्र दे दिए गए थे। पहले किसी और को हल कराया फिर उसे जमाकरा कर दूसरे पेपर को हल करने कहा गया। इस तरह बच्चों का समय भी बर्बाद हुआ और उन्हें मिस गाइडेंस हुआ जिसके कारण वह अच्छे से परीक्षा भी नहीं दे पाए पूरे प्रदेश भर में यह लापरवाही बालोद जिले से सामने आई है।
बालोद जिले के राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा बनाए गए शासकीय आदर्श बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के परीक्षा केंद्र में आत्मानंद विद्यालय के प्राचार्य अरुण साहू ने बताया कि हम अपनी गलती मान रहे हैं कि बच्चों को गलत एग्जाम पेपर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि बैंक से एग्जाम पेपर लाने में गलती हुई स्टेट बैंक और केनरा बैंक दोनों जगह नीट का एक प्रश्नपत्र जमा थे वहां से दोनों जगह से प्रश्न पत्र ले गए उसके बाद हम खुद कंफ्यूज हो गए थे, पहले बच्चों को दूसरा प्रश्न पत्र हल करने कहा गया फिर हमें लगा कि यह नहीं है तो फिर दूसरा प्रश्न पत्र दिए।
परीक्षा हॉल से निकलने के बाद बच्चों का बुरा हाल है, प्रशासन के ऊपर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। वहीं बच्चों ने रोते-रोते बताया की हड्डियां टूट जाती हैं, पढ़ाई करते-करते पैसे खर्च हो जाते हैं सुबह 3:30 बजे तक पढ़ते हैं उसके बाद यहां पर इस तरह का रवैया किया जाता है जिससे हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
रेणुका साहू ने बताया कि यदि बालोद जिले में केंद्र बनाया गया है तो सभी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाना था। यहां पर केंद्र बनाया गया और पूरी तरह लापरवाही की गई हम बच्चों के साथ यहां पर भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है।
परीक्षा देने आए मौली अग्रवाल नई शिक्षकों को खरी-खोटी सुनाई और कहा कि आप सोच भी नहीं सकते कि हमें कितनी मेहनत करनी पड़ती है दिन-रात जागना पड़ता है पैसे लगते हैं बाहर रहना पड़ता है परिवार से दूर रहना पड़ता है। उसके बाद जब परीक्षा देते हैं तो ऐसी स्थिति आती है उसने रोते-रोते शिक्षकों के सामने खरी खोटी सुना दी।
जब पेरेंट्स उन्हें जवाब मांगने पहुंचे तो परीक्षा लेने वाले जितने भी कर्मचारी थे वे प्राचार्य कक्ष में कुर्सियों में बैठे हुए थे,वह भी उनके सामने बेबस नज़र आए। पैरंट्स ने यहां पर शिक्षकों और जिम्मेदार लोगों को कुर्सी से उठने नहीं दिया। मौके पर पुलिस तक बुलानी पड़ी।