Mahadev App Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महादेव सट्टेबाजी एप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक नया आरोप-पत्र दायर किया है। इसमें 25 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
Mahadev App Case: प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को महादेव सट्टेबाजी एप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक नई चार्जशीट दायर की है। इसमें 25 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसमें छत्तीसगढ़ के कई उच्च पदस्थ राजनेताओं और नौकरशाहों के शामिल होने का आरोप है।
ईडी के वकील सौरभ पांडे ने कहा कि इस मामले में विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष दायर तीसरी अभियोजन शिकायत में कुल 25 व्यक्तियों और संस्थाओं को आरोपी के रूप में नामित किया गया है।
सौरभ ने कहा कि अदालत 4 मई को आरोप पत्र पर कार्रवाई करेगी। आरोप पत्र में जिन लोगों पर आरोप लगाए गए हैं, उनमें कुछ अन्य लोगों के अलावा गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी भी शामिल हैं, जिन्हें ईडी ने हाल ही में गिरफ्तार किया था।
बता दें कि तलरेजा के पास महादेव ऑनलाइन बुक (एमओबी) ऐप की सहयोगी कंपनी ‘लोटस365’ में हिस्सेदारी थी। एजेंसी ने पहले आरोप लगाया था कि वह ‘लोटस365’ के अवैध संचालन में रतन लाल जैन उर्फ अमन और एमओबी के मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर के साथ भागीदार हैं।
एजेंसी ने 28 फरवरी को हरि शंकर टिबरेवाल नाम के दुबई स्थित “हवाला ऑपरेटर” के कोलकाता परिसर पर छापा मारा था, जिसमें दावा किया गया था कि उसने सट्टेबाजी वेबसाइट “स्काईएक्सचेंज” के अवैध संचालन में एमओबी के प्रमोटरों के साथ भागीदारी की थी।
एजेंसी ने एक बयान में कहा था, ”टिबरेवाल ने भारतीय कंपनियों के लिए शेयर निवेश की आड़ में अपराध की आय को वैध बनाने और छिपाने के लिए सूरज चोखानी का इस्तेमाल किया।”
ईडी ने आरोप लगाया है कि एमओबी गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप में उसकी जांच में छत्तीसगढ़ के विभिन्न उच्च-रैंकिंग राजनेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता दिखाई गई है, वह राज्य जहां ऐप के दो मुख्य प्रमोटर, सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हैं।
इसमें कहा गया था कि एमओबी ऐप एक व्यापक सिंडिकेट है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, उपयोगकर्ता आईडी बनाने और बेनामी बैंक खातों के एक स्तरित वेब के माध्यम से धन की हेराफेरी करने में सक्षम बनाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करता है।
ईडी ने इस मामले में अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि एप के दो मुख्य प्रमोटरों को ईडी द्वारा अनुरोधित इंटरपोल रेड नोटिस के आधार पर दुबई में हिरासत में लिया गया था।