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Jharkhand Naxal Area Poll: सिंहभूम के नक्सल इलाकों में पहली बार होगा मतदान, हेलिकॉप्टरों से पहुंचाई जाएगी ECI की टीम

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Jharkhand Naxal Area Poll: झारखंड में सिंहभूम लोकसभा सीट के माओवादी गढ़ के कई आंतरिक इलाकों में 13 मई को पहली बार या दशकों के लंबे अंतराल के बाद मतदान होगा।

झारखंड में सिंहभूम लोकसभा सीट के माओवादी गढ़ के कई आंतरिक इलाकों में 13 मई को पहली बार या दशकों के लंबे अंतराल के बाद मतदान होगा। यहां दुनिया का सबसे घना सारंडा जंगल भी है, जहां लोग रहते हैं। ऐसे में फैसला लिया गया है कि यह लोग भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें, इसके लिए हेलीकॉप्टरों की मदद से कर्मचारियों और सामग्रियों को पहुंचाया जाएगा। साथ ही दूर दराज इलाकों में 118 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।

बता दें कि हालातों में सुधार होने के बावजूद सिंहभूम अभी भी देश के सबसे अधिक वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में से एक है। पिछले साल यहां माओवाद से संबंधित 46 घटनाएं हुई थीं और 22 लोगों की मौत हो गई थी।

पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त सह जिला निर्वाचन अधिकारी कुलदीप चौधरी ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि कोई भी व्यक्ति वोट डालने से न रह जाए। हमने कई इलाकों की पहचान की है जहां पहली बार या करीब दो दशक बाद मतदान होगा क्योंकि ये इलाके माओवादी उग्रवाद से बुरी तरह प्रभावित हैं।’

गौरतलब है, हालातों में सुधार होने के बावजूद सिंहभूम अभी भी देश के सबसे अधिक वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में से एक है। पिछले साल यहां माओवाद से संबंधित 46 घटनाएं हुई थीं और 22 लोगों की मौत हो गई थी।

कुलदीप चौधरी ने बताया कि नुगड़ी मध्य विद्यालय और बोरेरो मध्य विद्यालय जैसे मतदान केंद्रों पर इस बार पहली बार मतदान होगा। उन्होंने कहा कि रोबोकेरा, बिंज, थलकोबाद, जराईकेला, रोआम, रेंगराहाटू, हंसाबेड़ा और छोटानागरा जैसे इलाकों में 118 केंद्रों को एयर ड्रॉप के लिए चिह्नित किया गया है। कुछ इलाकों में पोलिंग पार्टियों को चार से पांच किलोमीटर तक पैदल चलना होगा। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इस बार कोई भी वोट डालने से न रह जाएं।

थलकोबाद और करीब दो दर्जन गांवों को पहले ‘मुक्त क्षेत्र’ (liberated zones) कहा जाता था। मगर प्रशासन सुरक्षा बलों की ओर से ऑपरेशन एनाकोंडा समेत कई अभियान चलाकर अपनी उपस्थिति साबित करने में सफल रहा। क्षेत्र में सुरक्षा बलों के कुल 15 नए शिविर स्थापित किए गए हैं।

अधिकारी ने बताया कि हेलीकॉप्टरों के अलावा, पोलिंग पार्टियां ट्रेनों और सड़कों के माध्यम से यात्रा करेंगी। ट्रेनों द्वारा 121 टीमें भेजी जाएंगी। पैदल चलने वाली टीमों को क्लस्टर प्वाइंट तक पहुंचना होता है और फिर मतदान केंद्रों पर जाना होता है। मतदान के दिन सुबह साढ़े पांच बजे तक सभी टीमों को मॉक पोलिंग करने के लिए स्टेशनों पर पहुंचना होगा। निर्वाचन क्षेत्र में 62 से अधिक मतदाता हैं जिनकी उम्र 100 वर्ष से अधिक है।

मनोहरपुर पुलिस स्टेशन के नंदपुर इलाके के वाल्टर लाकड़ा ने मतदान केंद्र तक पैदल नहीं जाने में असमर्थता जताई तो इस पर अधिकारी ने कहा कि वे अपने घर से ही वोट डाल सकेंगे। चौधरी ने कहा कि 62 मतदाताओं और 85 वर्ष से अधिक आयु के 3,909 मतदाताओं के अलावा 13,703 दिव्यांग लोगों के लिए हमने सुनिश्चित किया है कि वह घर से ही मतदान कर सकेंगे।

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित विधानसभा क्षेत्र सिंहभूम में 14.32 लाख मतदाता हैं जिनमें से 7.27 लाख महिलाएं हैं। भाजपा ने इस सीट से मौजूदा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को मैदान में उतारा है। कोड़ा निवर्तमान लोकसभा में झारखंड से कांग्रेस के एकमात्र सांसद थे और वह हाल में भाजपा में शामिल हुए हैं। भारत के सहयोगी दलों ने अभी तक इस सीट के लिए किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।

सिंहभूम लोकसभा सीट के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें सरायकेला, चाईबासा, मझगान, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर और चक्रधरपुर शामिल हैं। सरायकेला-खरसावां जिले में आने वाले सरायकेला को छोड़कर शेष सीटें पश्चिम सिंहभूम जिले में आती हैं। झारखंड में लोकसभा चुनाव चार चरणों में 13, 20, 25 मई और एक जून को होने हैं। 2019 के आम चुनावों में, भाजपा ने 11 सीटें जीती थीं, जबकि उसके सहयोगी आजसू ने एक सीट हासिल की थी। झामुमो और कांग्रेस दोनों ने एक-एक सीट जीती थी।

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