CG Samachar: छत्तीसगढ़ में राजस्व वसूली के लिए लोगों को जारी कर किए जा रहे डिमांड नोट में भारी गड़बड़ियां सामने आ रही है। एक प्रकरण में निगम ने छह दिनों के भीतर दो डिमांड में टैक्स करीब 50 हजार रुपए बढ़ा दिया।
इसी तरह एक अन्य प्रकरण में खाली प्लाट पर संपत्तिकर शून्य है, लेकिन उस पर बकाया करीब सात लाख रुपए बताया जा रहा है। ऐसी अलग-अलग तरह की दर्जनों शिकायतें हैं। निगम अफसरों और कर्मियों की गलती व लापरवाही का खामियाजा लोगों भुगतान पड़ रहा है। उन्हें लगती सुधारने के लिए जोन दफ्तरों के तक्कर लगाने पड़ रहा हैं।
देवेन्द्र नगर के रहने वाली डॉ. उषा गुप्ता को निगम के राजस्व विभाग ने 17 फरवरी को डिमांड नोट जारी किया। इसमें बकाया 87,917 रुपए बताया गया। छह दिन बाद 23 फरवरी को फिर से डिमांड जारी किया गया, लेकिन इस बार बकाया टैक्स की रकम 1 लाख 37 हजार रुपए थी। यानी पहले डिमांड नोट से करीब 50 हजार रुपए ज्यादा।
इसी तरह हांडीपारा में इश्तहाक हुसैन को जारी डिमांड बिल में 7.97 लाख रुपए का टैक्स बकाया बताया गया है। दिलचस्प यह है कि इसमें संपत्तिकर के कॉलम में राशि शून्य है। यानी प्लॉट का आकार 600 वर्गफीट है।