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RLD NDA: एनडीए में जल्द शामिल हो सकता है रालोद, पर अभी पत्ते नहीं दिखा रहे जयंत चौधरी

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RLD NDA: रालोद और बीजेपी में खिचड़ी पक गई है। बस परोसी जानी बाकी है। हालांकि रालोद चीफ जयंत चौधरी अभी पत्ते नहीं को रहे हैं।

बता दें कि करीब 14 साल बाद भाजपा और रालोद के बीच हुई बातचीत को सकारात्मक माना जा रहा है। हालांकि रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह ने गठबंधन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की है।

राजनीतिक गहमागहमी के बीच रालोद की एनडीए में वापसी की प्रबल संभावना है। करीब 14 साल बाद भाजपा और रालोद के बीच हुई बातचीत को सकारात्मक माना जा रहा है। हालांकि रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह ने गठबंधन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की है। एक-दो दिन में रालोद के एनडीए में शामिल होने की घोषणा हो सकती है।

सीटों के बंटवारे और प्रत्याशियों के चयन पर सपा के साथ बात बिगड़ जाने के बाद रालोद फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में वापसी करने जा रहा है। बुधवार को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह की मुलाकात के बाद सहमति बन जाने की चर्चा है। बागपत, मथुरा, बिजनौर सहित चार सीटें रालोद को मिलने की संभावना है।

हालांकि रालोद ने मुजफ्फरनगर सीट पर भी दावा किया था। माना जा रहा है कि एनडीए में वापसी के बाद रालोद को प्रदेश सरकार में भी हिस्सेदारी मिल सकती है। रालोद के नौ विधायक यूपी और एक राजस्थान में है। आचार संहिता लगने से पहले ही यूपी मेंं मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना है। उधर, उम्मीद है कि रालोद अध्यक्ष बृहस्पतिवार या शनिवार को दिल्ली में गठबंधन का हिस्सा बन जाएंगे।

साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगा हुआ और 2014 में लोकसभा चुनाव। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा नई ताकत बनकर उभरी। चुनाव से पहले रालोद ने भाजपा के साथ गठबंधन में जाने से इन्कार कर दिया था। असल में दंगे के बाद दिवंगत अजित सिंह ने कांग्रेस सरकार से केंद्र में जाटों को आरक्षण दिलाने का दांव चला था। आरक्षण मिला और उन्होंने कांग्रेस के साथ रहकर ही चुनाव लड़ा। लेकिन 2014 और 2019 में रालोद को एक भी सीट नहीं मिली। 2017 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ छपरौली में सहेंद्र सिंह रमाला जीते थे। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के मामले में उन्हें भी रालोद से हटा दिया गया था।

रालोद ने 2022 के विधानसभा चुनाव में दमखम दिखाया। सपा के साथ गठबंधन में पश्चिम यूपी की नौ सीटों पर जीत दर्ज की। इनमें मुजफ्फरनगर जिले में मिली सियासी कामयाबी को बेहद अहम माना गया। सदर सीट को छोड़कर चार सीटों पर वर्तमान में रालोद के विधायक हैं और एक सीट पर सपा से पंकज मलिक चुनाव जीते थे। इससे रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह का सियासी कद बढ़ा। हालांकि 2022 में भी उनके रालोद में जाने की चर्चा तेज हुई थी।

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