Radha Charan Seth: बिहार में सत्तारूढ़ जदयू के विधान परिषद् सदस्य राधा चरण साह उर्फ राधा चरण सेठ सितंबर में जब गिरफ्तार हुए थे तो पार्टी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि वह ईडी के जरिए जबरन परेशान कर रही है।
बिहार में तब महागठबंधन सरकार थी, उसी दौरान सितंबर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड के कोटे से आरा-बक्सर निकाय क्षेत्र के विधान पार्षद और पार्टी के प्रदेश महासचिव राधा चरण साह उर्फ सेठजी को गिरफ्तार किया गया था। अब, जबकि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार है तो प्रवर्तन निदेशालय ने ही अपना एक्शन बढ़ाते हुए उनसे जुड़ी करीब 39 करोड़ की संपत्ति को अटैच किया है।
ईडी ने सीधे तौर पर राधा चरण साह की 26 करोड़ से अधिक की संपत्ति अटैच की और कथित तौर पर उनकी मगर दूसरे दो कारोबारियों के नाम की करीब 13 करोड़ की संपत्ति अटैच की।
जदयू अब भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार में है और इस एक्शन पर चुप है। तब उसने भाजपा पर परेशान करने का आरोप लगाया था। लेकिन, इस बहाने यह जानना रोचक है कि राधा चरण साह उर्फ सेठजी हैं कौन और जदयू में कितने ओहदेदार हैं?
राधा चरण साह भोजपुर जिला के बड़हरा प्रखंड के रहने वाले हैं। पुराने जानकार बताते हैं कि 1971 में आरा रेलवे स्टेशन के बाहर उनके पिता की जलेबी की दुकान थी। राधा चरण साह अपने पिता का हाथ बंटाते थे। इसके बाद जैसे किस्मत बदलने का दौर शुरू हुआ। राधा चरण ने पहले होटल खोला और फिर फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
आज के समय में वह दुकान, राइस मिल, कोल्ड स्टोर के अलावा कई रिसॉर्ट के मालिक हैं। आरा में रमना मैदान शहीद भवन स्थित होटल, बाइपास रोड स्थित रिजॉर्ट के अलावा उत्तराखंड और हिमाचल में भी उनका होटल व्यवसाय है।
रीयल एस्टेट और बालू कारोबार में बाहुबलियों का दबदबा होता था, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि राधा चरण साह ने अलग रास्ता अख्तियार किया। वह मीठी बोली की वजह से बाहुबलियों पर भी हावी रहे और इसी का परिणाम था कि बालू के कारोबार में भी वह तेजी से आगे बढ़े।
भोजपुर की सोन नदी बालू के लिए मशहूर है और बहुत दूर जाने की जगह राधा चरण साह ने अपने इलाके में ही प्रभाव जमाना शुरू किया। जलेबी दुकान से होटल, फिर जमीन और इसी के साथ बालू सिंडिकेट में घुसते ही राधा चरण साह ने अपनी धाक जमा ली।
फिर राधा चरण साह ने राजनीति में उतरने के बाद वह राष्ट्रीय जनता दल के वरीय नेता प्रभुनाथ सिंह नजदीकी हो गए। प्रभुनाथ सिंह और उनके बेटे के चुनाव में राधा चरण सक्रिय भूमिका निभाते। इस तरह वह राजनीति में उभरने लगे और फिर जदयू से जुड़े तो यहां आर्थिक प्रबंधक के रूप में भी पहचान बनाई।