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कांग्रेस ने 22 सिटिंग एमएलए के काटे टिकट
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भाजपा में कई दावेदारों को नहीं मिला टिकट
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पूर्व सीएम रमन सिंह के सामने कांग्रेस के बाग़ी
BJP_CONGRESS REBELS: कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की सभी 90 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जबकि भाजपा ने अभी तक 86 उम्मीदवारों की घोषणा की है. चार सीटों के लिए प्रत्याशियों का चयन बाकी है, लेकिन दोनों ही दल बगावत करनेवाले नेताओं से जूझ रहे हैं. कांग्रेस ने अपने 22 विधायकों का टिकट काट दिया है, जबकि भाजपा में कई ऐसे लोग टिकट की दावेदारी कर रहे थे, जिन्हें टिकट नहीं मिला, तो कुछ घरों में बैठ गए, जबकि कई ऐसे हैं, जो बागी होकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.
राजनांदगांव के पूर्व मेयर नरेश डाकलिया ने कांग्रेस से बगावत कर दी है. उन्होंने राजनांदगांव सीट से पर्चा भर दिया है. उनका कहना है कि हमारे समर्थक चाहते हैं, हम चुनाव लड़ें. उन्हीं के आदेश पर हमने चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. वो राजनांदगांव सीट पर स्थानीय का मुद्दा उठा रहे हैं, क्योंकि भाजपा ने यहां से पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को टिकट दिया है, जो अभी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से बाहरी प्रत्याशी गिरीश देवांगन को उतारा गया है.
मोहित केरकेट्टा कांग्रेस के ऐसे विधायकों में शुमार हैं, जिन्होंने पार्टी से बगावत की है. वो अपना टिकट कटने के लिए विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत पर आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने पाली-तनखार सीट चुनाव लड़ने की बात कही है. उन्होंने कहा कि हम चुप बैठनेवाले नहीं हैं. किसी दल से इलाके के लोगों की सेवा करते रहेंगे.
अंतागढ़ से विधायक अनूप नाग ने कांग्रेस से बगावत कर दी है. उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए नामांकन किया है. उनका कहना है कि षणयंत्र के तहत हमारा टिकट काटा गया है. हमने भाजपा सरकार के मंत्री को हराया था. अनूप नाग के अंतागढ़ से नामांकन करने से कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
दंतेवाड़ा सीट से कांग्रेस के नेता अमूलकर नाग ने बगावत की है. उन्होंने पर्चा भर दिया है. वो कांग्रेस की ब्लॉक कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं. साथ ही वारसूर नगर पंचायत के अध्यक्ष के रूप में काम कर चुके हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता उनका समर्थन करेंगे. समाजसेवा सोनी सोरी ने अमूलकर नाग का समर्थन किया है. वो उनके नामांकन में भी शामिल हुईं.
मुंगेली के कांग्रेस जिलाध्यक्ष सागर सिंह बैस ने पार्टी और पद से इस्तीफा दे दिया है. वो टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं. उन्होंने लोरमी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. वो लोरमी सीट पर पार्टी की ओर से धनेश्वर साहू को टिकट दिये जाने से नाराज हैं.
वहीं, भाजपा की बात करें, तो आरंग सीट से वेदराम मनहरे ने टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन टिकट नहीं मिला, इसके बाद उन्होंने निर्दलीय लड़ने का ऐलान किया है. भाजपा ने इस सीट से खुशवंत सिंह साहेब को टिकट दिया है. आरंग से अगर वेदराम चुनाव लड़ते हैं, तो मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है.
सीतापुर सीट पर भाजपा के बिहार लाल तिर्की बागी हो गये हैं. वो जनजातीय सुरक्षा मंच के जिला संयोजक हैं. उन्होंने भाजपा प्रत्याशी राजकुमार टोप्पो के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने टोप्पो के जातीय प्रणाम पत्र को चुनौती दी है और हाईकोर्ट में मामला दायर किया है. इसके बाद से पार्टी के अंदर खटास बढ़ गयी हैं. इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर मंत्री अमरजीत भगत चुनाव लड़ रहे हैं.