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TEAM KHARGE: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मल्लिकार्जुन खरगे की टीम घोषित: अनुभवी नेताओं पर भरोसा

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  • प्रियंका गांधी को यूपी से मुक्त कर बिना प्रभार के महासचिव रखा 

  • सचिन पायलट को महासचिव बनाकर छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया

  • अविनाश पांडे को प्रियंका की जगह उत्तर प्रदेश भेजा

  • केसी वेणुगोपाल संगठन महासचिव, जयराम रमेश कम्यूनिकेशन और मुकुल वासनिक गुजरात के प्रभारी बरकरार

 

TEAM KHARGE: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की टीम घोषित हो गई है। खरगे ने अपनी नई टीम बनाने में भाजपा की तरह प्रयोग नहीं किए बल्कि नए चेहरों की बजाय अधिकतर अनभुवी नेताओं को तरजीह दी है।

TEAM KHARGE: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को खुद के कार्यकाल में संगठन में पहला बड़ा फेरबदल किया। खरगे ने अपनी नई टीम बनाने में भाजपा की तरह प्रयोग नहीं किए, बल्कि नए चेहरों की बजाय अधिकतर अनभुवी नेताओं को तरजीह दी है। 

प्रियंका गांधी को यूपी से मुक्त कर बिना प्रभार के महासचिव रखा गया है, वहीं सचिन पायलट को महासचिव बनाकर छत्तीसगढ़ का प्रभारी नियुक्त किया है। मध्य प्रदेश में एक बार फिर बदलाव करते हुए महासचिव जितेन्द्र सिंह को असम के साथ यहां का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। फेरबदल से तारिक अनवर, हरीश चौधरी समेत पांच नेताओं की संगठन से छुट्टी की गई है।

TEAM KHARGE: दरअसल, लोकसभा चुनाव की तैयारी जुटी पार्टी अपने संगठन को चुस्त-दुरुस्त कर रही है। फेरबदल के दौरान पार्टी नए प्रयोग से बचने के लिए उदयपुर नवसंकल्प जैसी बातों को किनारे करती दिख रही है। हालांकि पार्टी ने 12 महासचिवों में से तीन महिलाओं को महासचिव बनाया है। इसके अलावा उत्तर व दक्षिण को लेकर चल रही विसंगति को दूर कर 7 महासचिव उत्तर भारत के हिंदी पट्टी राज्यों से लिए गए हैं।

करीब पांच साल तक राजस्थान में अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चले मतभेद के बाद आखिरकार पायलट के राष्ट्रीय सियासत में कदम बढ़ गए हैं। हालांकि वे स्टार प्रचारक के तौर पर कई राज्यों में प्रचार कर चुके हैं, लेकिन औपचारिक रूप से छत्तीसगढ़ राज्य की जिम्मेदारी अब मिली है। उनके सामने छत्तीसगढ़ की गुटबाजी समाप्त कर लोकसभा चुनाव 2024 में जीत दिलाने की चुनौती है।

TEAM KHARGE: प्रियंका गांधी को महासचिव रखते हुए कोई जिम्मेदारी नहीं देने के पीछे संदेश छिपा है कि पार्टी, संगठन के फैसलों व प्रचार के लिए उनका उपयोग एक राज्य तक सीमित करने की बजाय देशभर में करना चाहती है। पार्टी उनको उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव भी लड़ा सकती है।

राजस्थान के जितेन्द्र सिंह पर पार्टी का भरोसा बरकरार है। उन्हें असम का प्रभारी महासचिव बनाए रखा है। साथ में मध्य प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

महाराष्ट्र के अविनाश पांडे संगठन के अनुभवी नेताओं में शुमार है। उनके प्रभारी रहते हुए राजस्थान में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की। उन्हें झारखंड के प्रभारी के बजाय अब महासचिव के रूप में प्रियंका की जगह उत्तर प्रदेश भेजा गया है।

दीपा दासमुंशी को केरल-लक्ष्द्वीप के साथ तेलंगाना का अतिरिक्त प्रभारी महासचिव बनाया है। दासमुंशी पार्टी का नया महिला चेहरा बनकर उभर सकती है।

जम्मू कश्मीर के गुलाम अहमद मीर को महासचिव बनाकर झारखंड के साथ पश्चिम बंगाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। वहीं कर्नाटक के राज्यसभा सांसद नासिर हुसैन को कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यालय प्रभारी बनाया गया है। यह दोनों नेता आने वाले दिनों में पार्टी के बड़े मुस्लिम चेहरे हो सकते हैं।

केसी वेणुगोपाल संगठन महासचिव, जयराम रमेश कम्यूनिकेशन प्रभारी और मुकुल वासनिक गुजरात के प्रभारी बरकरार रखे गए हैं। वहीं दीपक बबारिया को दिल्ली के साथ हरियाणा का अतिरिक्त प्रभार बरकरार रखा गया है।

मध्य प्रदेश में करारी हार के बाद रणदीप सुरजेवाला से मध्यप्रदेश का अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया है। अब उन्हें सिर्फ कर्नाटक का प्रभारी महासचिव रखा गया है। इसी तरह छत्तीसगढ़ हारने के बाद कुमारी सैलजा को उत्तराखंड भेज दिया गया है।

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