Manish Kashyap: फेक वीडियो बनाकर उन्माद फैलाने सहित कई क्रिमिनल केस में जेल में बंद बिहार के चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप जेल से रिहा होने वाले हैं। नौ माह बाद रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। जमानत के कागजात तक अभी जेल भेजे जाने की प्रक्रिया चल रही है।
बेउर जेल प्रशासन चेन्नई और मदुरई कोर्ट से अनुमति लेकर ही मनीष की रिहाई हो पाएगी। उन्हें रिहा करने की अनुमति के लिए पत्र लिखा गया है। पटना हाईकोर्ट से मनीष कश्यप को दो मामलों में जमानत दी गयी है।
Manish Kashyap: तमिलनाडु केस में फेक वीडियो बनाकर उन्माद फैलाने समेत कई क्रिमिनल केस में जेल में बंद बिहार के चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप को नौ माह बाद रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। पटना हाईकोर्ट से उन्हें बड़ी राहत मिली है। मनीष कश्यप को सभी केस में जमानत मिल गई है। वह कभी जेल से बाहर आ सकते हैं। फिलहाल मनीष पटना के बेऊर जेल में बंद हैं।
कोर्ट से फैसले से उनके गांव में खुशी की लहर है। परिजनों ने मिठाई बांटकर अपनी खुशी जताई है। पटना हाईकोर्ट से मनीष कश्यप को दो मामलों में जमानत दी गयी है। आर्थिक अपराध इकाई के दो मामलों में पहले से ही जमानत मिल चुकी थी। । मनीष कश्यप को सिविल कोर्ट से भी अन्य सभी मामलों में जमानत दी जा चुकी है। उनके वकील ने जमानत मिलने की पुष्टि की है।
Manish Kashyap: बिहार के प्रवासी मजदूरों पर फर्जी वीडियो बनाने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसी साल 18 मार्च मनीष कश्यप ने सरेंडर किया था। उसके बाद ईओयू और तमिलनाडु पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी कर ली थी। ईओयू की टीम ने अपने केस में मनीष से पूछताछ की और जेल भेज दिया।
तमिलनाडु पुलिस की टीम पटना पहुंची और 30 मार्च 2023 को ट्रांजिट रिमांड पर तमिलनाडु पुलिस अपने साथ ले गई थी। इसी से जुड़े दो मामले में मनीष कश्यप को कोर्ट से जमानत मिल गई है।
जानकारी के मुताबिक जमानत के कागजात तक अभी जेल तक नहीं पहुंचे थे। आज उसकी प्रक्रिया चल रही है। बेउर जेल प्रशासन चेन्नई और मदुरई कोर्ट से अनुमति लेकर ही मनीष की रिहाई हो पाएगी। मनीष कश्यप को रिहा करने की अनुमति के लिए बेउर जेल प्रशासन की ओर से मदुरई और चेन्नई कोर्ट को पत्र लिखा है। उनकी ओर से प्रक्रिया पूरी होते ही उन्हें जेल से छोड़ दिया जाएगा।
तामिलनाडु में प्रवासी बिहारी मजदूरों से मारपीट मामले में फेक वीडियो बनाने का आरोप लगाए जाने पर मनीष कश्यप सूर्खियों में आए। उससे पहले उनपर चंपारण में दो आपराधिक मामले दर्ज थे। तामिलनाडु केस के बाद बिहार पुलिस ने मनीष पर दबिश बढ़ाई तो वे भूमिगत हो गए। आर्थिक अपराध इकाई ने मनीष कश्यप के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
इस केस में बिहार में गिरफ्तारी के लिए जबर्दस्त छापेमारी की गई। कई दिनों तक मनीष कश्यप अंडरग्राउंड भी रहे। बेतिया में बैंकर से रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस ने 18 मार्च को दूसरे केस में मनीष के घर की कुर्की जब्ती शुरू कर दी। उसके बाद यूट्यूबर ने स्थानीय थाने में सरेंडर कर दिया था।