Supreme Court Shiv Sena: सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर को निर्देश दिया है कि ‘शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर 10 जनवरी तक फैसला करें।
सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्तूबर को नार्वेकर को पार्टी में विभाजन के बाद एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा दायर याचिकाओं पर निर्णय लेने के लिए 31 दिसंबर का समय दिया था।
Supreme Court Shiv Sena: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नारवेकर को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के शिवसेना विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिका पर फैसला लेने के लिए थोड़ा और समय दे दिया है। पहले 31 दिसंबर तक का समय दिया गया था, जिसे अब बढ़ाकर 10 जनवरी कर दिया।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्तूबर को नार्वेकर को पार्टी में विभाजन के बाद एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा दायर याचिकाओं पर निर्णय लेने के लिए समय सीमा देने का मौका दिया था।
Supreme Court Shiv Sena: शीर्ष अदालत ने कहा था कि अयोग्यता याचिकाओं पर जल्द से जल्द फैसला आना चाहिए। जिसके बाद सुनवाई को 30 अक्तूबर तक के लिए टाल दिया गया था। इसके बाद 30 अक्तूबर को सुनवाई हुई और इसमें विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को 31 दिसंबर तक का समय दिया गया था।
17 अक्तूबर को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा था कि हम समय सारिणी से संतुष्ट नहीं हैं।
बता दें शीर्ष अदालत ने इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थित विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर याचिकाओं पर फैसला करने में देरी पर विधानसभा अध्यक्ष को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि स्पीकर शीर्ष अदालत के आदेशों को खारिज नहीं कर सकते।
फैसला लेने में हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष को उच्चतम न्यायालय की गरिमा का सम्मान करना चाहिए।
Supreme Court Shiv Sena: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष से कहा था कि वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 56 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं को जल्द अपने सामने सूचीबद्ध करें। कोर्ट ने अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने के लिए एक समय-सारणी निर्धारित करने का भी निर्देश दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि स्पीकर संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत कार्यवाही को अनिश्चित काल तक टाल कर नहीं रख सकते। कोर्ट के निर्देशों के प्रति सम्मान की भावना होनी चाहिए।
Supreme Court Shiv Sena: सीजेआई ने संविधान पीठ के फैसले का जिक्र करते हुए पूछा था कि कोर्ट के 11 मई के फैसले के बाद स्पीकर ने क्या किया? पीठ ने यह भी कहा था कि मामले में दोनों पक्षों को मिलाकर कुल 34 याचिकाएं लंबित हैं। दरअसल, फैसले में स्पीकर को उचित अवधि में अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने का निर्देश दिया गया था।
Supreme Court Shiv Sena: कोर्ट शिवसेना (उद्धव ठाकरे) पार्टी के सांसद सुनील प्रभु की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की गई थी।