Court Order on Suicide: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहाकि अगर कोई प्रेमी प्यार में नाकाम रहने पर आत्महत्या कर लेता है तो इसके लिए उसकी कथित प्रेमिका पर हत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है।
अदालत ने 24 वर्षीय युवती और उसके दो भाइयों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों को रद कर दिया। इन लोगों पर महिला के पूर्व प्रेमी को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला था।
अगर कोई प्रेमी प्यार में नाकाम रहने पर आत्महत्या कर लेता है तो इसके लिए उसकी कथित प्रेमिका पर हत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ये व्यवस्था दी है।
Court Order on Suicide: जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू की सिंगल बेंच ने अपने फैसले में कहा कि अगर कोई छात्र परीक्षा में अपने खराब प्रदर्शन की वजह से खुदकुशी करता है या फिर कोई वादी कोर्ट में हारने की वजह से या मामला खारिज होने की वजह से निराश होकर आत्महत्या करता है तो संबंधित शिक्षक या वकील को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।
Court Order on Suicide: बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस साहू ने पिछले हफ्ते दिए अपने पारित आदेश में कहा, यदि कोई प्रेमी प्रेम में असफलता के कारण आत्महत्या करता है, यदि कोई छात्र परीक्षा में अपने खराब प्रदर्शन के कारण आत्महत्या करता है, यदि कोई मुवक्किल इसलिए आत्महत्या करता है क्योंकि उसका मामला खारिज कर दिया गया है, तो महिला, परीक्षक, वकील को क्रमशः आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट ने कहा, कमजोर या दुर्बल मानसिकता वाले व्यक्ति द्वारा लिए गए गलत निर्णय के लिए किसी अन्य व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।
कोर्ट ने कहा, कमजोर या दुर्बल मानसिकता वाले व्यक्ति द्वारा लिए गए गलत निर्णय के लिए किसी अन्य व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।
Court Order on Suicide: इस आदेश के साथ ही अदालत ने 24 वर्षीय युवती और उसके दो भाइयों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों को रद्द कर दिया। इन लोगों पर महिला के पूर्व प्रेमी को आत्महत्या करने के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, आरोपी युवती से प्रेम करने में नाकाम रहने पर एक युवक ने 23 जनवरी 2023 को अपने घर में आत्महत्या कर ली थी। युवक ने अपने सुसाइड नोट में याचिकाकर्ता युवती और उसके दो भाइयों पर आरोप लगाया था।
Court Order on Suicide: दो पेज के सुसाइड नोट में मौत से पहले व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि उसका युवती से कम से कम आठ साल से प्रेम संबंध था, लेकिन उसने उससे रिश्ता तोड़कर किसी दूसरे शख्स से शादी कर ली। उसने आगे उसके भाइयों पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनकी बहन से संबंध रखने की वजह से धमकी दी थी, इसलिए, उसने सुसाइड का कदम उठाया है।
मृतक के चाचा द्वारा दायर एक शिकायत पर राजनांदगांव की पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में जिला अदालत ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत आरोप तय कर दिए थे। तीनों ने इस आदेश को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी।
Court Order on Suicide: अभियोजन पक्ष ने उस व्यक्ति के दोस्तों, परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों द्वारा दिए गए बयानों पर भरोसा किया, जिन्होंने कहा था कि उसे महिला के भाइयों ने धमकी दी थी और उसने उससे कर्ज लिया था और पैसे नहीं लौटाए और इसके बजाय उससे संबंध तोड़ लिया। हालाँकि, जस्टिस साहू ने कहाकि महिला और अन्य पर मुकदमा चलाने के लिए रिकॉर्ड पर प्रथम दृष्टया कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है।
अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयानों का हवाला देते हुए, पीठ ने कहा कि व्यक्ति ने आत्महत्या करने की इच्छा व्यक्त की थी और इसका कारण ‘प्यार में धोखा, गंभीर परिणाम की धमकी और एक मामले में झूठा फंसाना है।