Loksabha 2024: देश के पाँच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों का एलान हो गया है। एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने दबदबा बनाया है। तेलंगाना में कांग्रेस और मिजोरम में जेडपीएम बहुमत में है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए इन राज्यों के परिणामों को एक तरह से सेमीफ़ाइनल के तौर पर देखा जा रहा है.
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान जैसे हिंदी भाषी राज्यों में कांग्रेस पर बीजेपी भारी पड़ी है। यहां राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया है। दक्षिण भारतीय राज्य तेलंगाना में बीआरएस को मुंह की खानी पड़ी है। यहां कांग्रेस ने जीत हासिल की है। वहीं मिज़ोरम के चुनाव परिणाम ने सत्ताधारी एमएनएफ को हाल मिली है। यहां जोराम पीपुल्स मूवमेंट को 40 में से 27 सीटों पर जीत मिली है।
मध्य प्रदेश में 230 सीटों, राजस्थान में 199 सीटों, छत्तीसगढ़ की 90 सीटों पर बीजेपी सत्ता में आई है। वहीं तेलंगाना की 119 सीटों पर कांग्रेस सत्ता में आई है।
इन पाँच राज्यों के परिणामों को सेमीफ़ाइनल इस वजह से भी कहा जा रहा है, क्योंकि अगले ही साल लोकसभा चुनाव हैं और इन राज्यों में अच्छी ख़ासी लोकसभा सीटें हैं.
मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें, राजस्थान में 25 सीटें, छत्तीसगढ़ में 11 सीटें, तेलंगाना में 17 सीटें और मिज़ोरम में सिर्फ़ एक सीट है. इन सीटों को जोड़ दिया जाए तो इनका योग 83 हो जाता है. इन पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी अपर हैंड है। उसको अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में जबर्दस्त फायदा मिलेगा।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले इसका प्रचार काफ़ी ज़ोर-शोर से हुआ जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगे रहे.
चुनाव प्रचार के दौरान जहां पीएम मोदी अपनी योजनाओं की तारीफ़ करते नज़र आए तो वहीं विपक्षी राज्यों में उसके मुख्यमंत्रियों पर हमलावर रहे.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी पांचों राज्यों में उसके स्टार प्रचारक रहे, जबकि प्रियंका गांधी वाड्रा भी मध्य प्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ और राजस्थान की चुनावी रैलियों में नज़र आईं.
तेलंगाना में बीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव से लेकर पीएम मोदी, राहुल गांधी और असदुद्दीन ओवैसी चुनाव प्रचार करते नज़र आए.
इस चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना का मुद्दा ख़ूब जोर-शोर से उठाया. 23 सितंबर को जयपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने पीएम मोदी से कहा कि वो जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करें.
वहीं, पीएम मोदी ने 6 नवंबर को एक बड़ा फ़ैसला लेते हुए मुफ़्त अनाज की योजना को अगले पांच साल तक बढ़ाने का फ़ैसला किया. छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक चुनावी रैली के दौरान उन्होंने इसकी पुष्टि की थी.
कुल मिलाकर कह सकते हैं कि सरकार उसी पार्टी की बनेगी, जो जनता को भरोसा दिला दे कि वो उसके लिए अच्छा करेगी। बेरोज़गारी, विकास और भ्रष्टाचार की बात हर चुनाव में रहता है। सत्ता में रहने वाली पार्टियों को एंटी इंकम्बेंसी का सामना करना पड़ता है। गौर करें तो इन 5 राज्यों के चुनाव से ये साफ हो गया है कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा फायदा हुआ है। मगर आने वाले दिनों में इंडिया गठबंधन के लोग कौन सी रणनीति बनाते हैं और बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए आज के फायदे को लोकसभा के चुनाव में कैसे भुनाएगी।