बोले- सीएम नीतीश कुमार की नीति से राज्य के दलित परेशान
Jitan Ram Manjhi: बिहार में शराबबंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बड़ा ऐलान किया है। राज्य में शराबबंदी को फेल बताते हुए उन्होंने नीतीश कुमार पर जोरदार हमला किया है। कहा है कि उनकी शराबबंदी नीति से दलित और गरीब तबका सबसे ज्यादा परेशान है। पहले गांव गांव में दुकान खोल दी। अब कहते हैं कि शराब मत पियो।
उन्होंने कहा है कि अगर उनकी सरकार बनी तो शराब पर लगी रोक हटा दी जाएगी। जीतन राम मांझी एनडीए में शामिल हम यानि हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक और संरक्षक हैं।
Jitan Ram Manjhi: पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 100 चूहे खाकर बिल्ली चली हज को। 2005 में और 2010 में नीतीश कुमार की सरकार ने गांव-गांव में शराब बेचने का लाइसेंस दे दिया। अब इनको पता नहीं कहां से एहसास हुआ तो इसे पूरी तरह बंद करना चाहते हैं। पहले भी सब कोई पी रहा था और आज भी शराब आसानी से उपलब्ध है और लोग पी रहे हैं।
Jitan Ram Manjhi: जीतन राम मांझी ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि शराब पूरी तरीके से बंद हो जाए। लेकिन, शराबबंदी की जो प्रक्रिया है वह सरासर गलत है। आज 4 लाख से ज्यादा लोग शराब पीने और बेचने के आरोप में जेल की सलाखों में बंद हैं। उसमें 80% दलित और गरीब तबके के लोग हैं।
Jitan Ram Manjhi: जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि पीने पर फाइन लेकर छोड़ दिया जाएगा। गरीब तबका थकान मिटाने के लिए शराब पी लेता है और जुर्माना की राशि नहीं होने पर जेल चला जाता है, क्योंकि उत्पाद विभाग या पुलिस जब उसे पकड़ती है तो 8000 तक चार्ज कर देती है। अब जो मजदूर 500 कमा कर जा रहा है वह इतना जुर्माना कहां से देगा। नीतीश कुमार की शराबबंदी से शेड्यूल कास्ट और दलित तबके के अधिकतर लोग जेल या कानून के शिकंजे में हैं।
जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान शराब नीति बहुत ही दोष पूर्ण और गलत है। इसे तुरंत सरकार वापस ले। इसके साथ ही ऐलान किया कि 2025 में हम लोगों की सरकार आती है तो शराबबंदी को लेकर बड़ा फैसला करेंगे। या तो गुजरात मॉडल लागू करेंगे नहीं तो पूर्ण रूप से शराब फ्री कर देंगे। उन्होंने कहाकि पहले भी लोग पीते थे तो क्या फर्क पड़ता था। शराबबंदी में जहरीली शराब पीकर लोग मर रहे हैं।
Jitan Ram Manjhi: जीतन राम मांझी पहले भी शराबबंदी पर सवाल उठा चुके हैं। नीतीश कुमार के साथ रहते हुए भी उन्होंने कई बार अपने भाषणों में यह बात कही कि शराब बंदी से गरीब लोगों का बड़ा नुकसान हुआ। एक बार तो उन्होंने तेजस्वी यादव से यह भी आग्रह किया की शराब नीति में ढील दी जाए। इस बार उन्होंने क्रांतिकारी ऐलान कर दिया है।