Telangana Assembly Poll 2023: तेलंगाना की 119 सीटों पर 30 नवंबर को पोलिंग है। यहां बीआरएस, कांग्रेस, बीजेपी और एआईएमआईएम की साख दाँव पर लगी है। नतीजे तीन दिसंबर को आएंगे।
Telangana Assembly Poll 2023: तेलंगाना में शहरों के मुकाबले चुनावी रंग गांवों में ज्यादा है, लेकिन हैदराबाद से पूरे प्रदेश का राजनीतिक संदेश जाता है। शहर में दबदबा रखने वाली असदुद्दीन ओवैसी की आईएमआईएम 24 में से नौ सीटों पर लड़ रही है। पिछले चुनाव में यहां 7 सीटों पर ओवैसी की पार्टी तो 16 पर बीआरएस (पहले टीआरएस) ने बाजी मारी थी। भाजपा ने प्रदेश में यहीं की सीट गोशामहल से खाता खोला था। कांग्रेस को यहां कोई सीट नहीं मिली थी। ओवैसी का दखल कहीं दिखाई देता है तो यहीं पर। वह बाकी सीटों पर ओवैसी बीआरएस का साथ देने का एलान कर चुके हैं।
Telangana Assembly Poll 2023: पिछले लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र की 4 सीटों में से हैदराबाद से एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, सिकंदराबाद से बीजेपी के जी किशन रेड्डी ने बाजी मारी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी यहां के मल्काजगिरी से सांसद हैं और चिवडला में बीआरएस के रंजीत रेड्डी जीते थे। इन्हीं परिणामों ने अब सभी दलों के मन में उम्मीद बढ़ा दी है। कांग्रेस को लगता है कि वह इस बार यहां खाता जरूर खोलेगी तो भाजपा अपनी संख्या को गोशामहल से आगे बढ़ाना चाहती है।
Telangana Assembly Poll 2023: जुबली हिल्स सीट को लेकर कांग्रेस प्रचार कर रही है कि गोशामहल में प्रत्याशी न उतारने वाले ओवैसी जुबली हिल्स में बीआरएस के प्रत्याशी के सामने भी चुनाव लड़ा रहे हैं। जबकि अन्य सीटों पर उनका बीआरएस को समर्थन है। यहां से कांग्रेस की ओर से पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान और मुरादाबाद के सांसद रहे अजहरुद्दीन मैदान में हैं। बीआरएस के विधायक पी गोपीनाथ फिर से ताल ठोक रहे हैं। एआईएमआईएम ने अपने पार्षद फराज को यहां से उतारा है। इस सीट पर 40 प्रतिशत मुस्लिम हैं।
भाजपा के राजा सिंह ने पिछले चुनाव में पूरे प्रदेश में अपनी पार्टी के लिए एकमात्र हैदराबाद की सबसे चर्चित सीट गोशामहल जीती थी। खास बात यह है कि यहां पर एआईएमआईएम का मुख्यालय दारुस्लाम भी है।
Telangana Assembly Poll 2023: एआईएमआईएम ने प्रत्याशी नहीं उतारा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी का कहना है कि धर्म पर अनुचित टिप्पणी करने वाले राजा सिंह के सामने ओवैसी प्रत्याशी खड़ा करने की हिम्मत नहीं दिखा पाए। हालांकि करीब 27 फीसदी मुस्लिम वोट यहां जिताने की स्थिति में रहते हैं। दो बार चुनाव जीतने के बाद राजा सिंह यहां से हैट्रिक बनाने की तैयारी में हैं।
कुल मिलाकर देखा जाए तो राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीआरएस को कांग्रेस और बीजेपी से तगड़ी फाइट मिल रही है। हैदराबाद के बाहर इन तीनों पार्टियों में जबर्दस्त टक्कर है। कांग्रेस और बीजेपी को जो भी सीटें मिलेंगी। उससे बीआरएस यानी भारत राष्ट्र समिति को नुकसान होगा। हैदराबाद में एआईएमआईएम को कड़ी टक्कर मिल सकती है।