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World Hindu Congress: वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस में हिंदूइज्म शब्द से तौबा, हिंदुत्व को अब कहा जाएगा हिंदूनेस

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World Hindu Congress: वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस की थाइलैंड में हो रही बैठक में कहा गया है कि वैश्विक हिंदू समुदाय की तरफ से वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस यह घोषणा करती है कि हिंदुत्व, या सनातन धर्म, या सनातन, या हिंदू धर्म की दुर्भावनापूर्ण आलोचना वास्तव में हिंदू समाज और उसमें जो सुंदर, न्यायपूर्ण, अच्छा और महान है, उसे टारगेट करती है। हिंदुत्व पर हमले अच्छाई के ख़िलाफ हमले हैं। वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस ऐसे हमलों की कड़ी निंदा करती है। वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस की बैठक थाइलैंड के बैंकॉक में हो रही है।

ख़ास बातें-

  • हिंदूइज़्म की जगह हिंदूनेस का होगा इस्तेमाल

  • वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस में पास किया गया है प्रस्ताव

  • इज़्म शब्द दमनकारी और भेदभाव का प्रतीक

World Hindu Congress- बैंकॉक में चल रहे वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस में प्रस्ताव पास किया गया कि हिन्दुत्व को अंग्रेजी में ‘हिन्दूइज़्म’ कहना पूरी दुनिया के हिंदू समुदाय पर और हिंदुत्व की अच्छाई पर हमला है। प्रस्ताव में कहा गया कि हिंदुत्व को हिंदूनेस कहा जा सकता है। इस संदेश को लेकर अब वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस में आए 61 देशों के 2500 से ज्यादा प्रतिनिधि दुनिया भर में जाएंगे। वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस में अलग अलग देशों से 30 से ज्यादा जनप्रतिनिधि भी आए हैं, जिसमें विधायक, सांसद, मंत्री और गवर्नर शामिल हैं। ये भी राजनीतिक स्तर पर इस मैसेज को आगे बढ़ाएंगे।

प्रस्ताव में कहा गया है कि हिंदुत्व को अंग्रेजी में ‘हिंदुइज़्म’ नहीं, बल्कि ‘हिंदूनेस’ कहा जा सकता है। प्रस्ताव में कहा गया कि हिंदू एक अपरिमित (अनबाउंडेड) शब्द है। यह सनातन या शाश्वत को दर्शाता है। धर्म का अर्थ है- जो कायम रहता है। इस तरह, हिंदू धर्म उसका प्रतीक है जो शाश्वत रूप से सब कुछ धारण करता है, एक व्यक्ति, परिवार, समुदाय, समाज और यहां तक कि प्रकृति को भी।

इस प्रस्ताव में कहा है कि हिंदुइज़्म पूरी तरह से अलग है क्योंकि इसमें “इज़्म” जुड़ा है। “इज़्म” शब्द एक दमनकारी और भेदभावपूर्ण रवैये का प्रतीक है। उन्नीसवीं सदी के मध्य में अमेरिका में, “इज़्म” का उपयोग आध्यात्मिक या धार्मिक और सामाजिक सुधार आंदोलनों को अपमानजनक तरीके से परिभाषित करने के लिए किया गया था।

प्रस्ताव में कहा गया कि “हिंदूइज़्म ” का इस्तेमाल 1877 में ईसाई ज्ञान को बढ़ावा देने वाली एक सोसाइटी ने अपनी किताब में किया था। यह बौद्धिक रूप से बेईमानी है। प्रस्ताव में कहा कि पिछले 150 सालों में क्रूर हिंदू-विरोधी आख्यानों के पीछे ऐसी शब्दावली ही वजह है।

हमारे बुजुर्गों ने हिंदूइज़्म की तुलना में “हिंदुत्व” शब्द को प्राथमिकता दी, क्योंकि हिंदुत्व अधिक सटीक है, क्योंकि इसमें “हिंदू” शब्द के सभी अर्थ शामिल हैं। हिंदुत्व का अर्थ है ‘हिंदूनेस’। प्रस्ताव में कहा गया कि सार्वजनिक चर्चा में कई शिक्षाविद् और बुद्धिजीवी हिंदुत्व को हिंदू धर्म के विपरीत, यानी बेहद नकारात्मक रूप से चित्रित करते हैं। उनमें से कुछ लोग अपनी अज्ञानता के कारण ऐसा तर्क करते हैं। लेकिन अधिकतर लोग हिंदू धर्म के प्रति अपनी गहरी नफरत और पूर्वाग्रहों की वजह से हिंदुत्व विरोधी हैं। प्रस्ताव में कहा गया है कि राजनीतिक अजेंडे और व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों से प्रेरित कई राजनेता भी उस समूह में शामिल हो गए हैं और लगातार सनातन धर्म की आलोचना कर रहे हैं।

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