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Uttarkashi Tunnel Rescue: आज भी कैद में रह सकती हैं उत्तराखंड के सुरंग हादसे में फंसी 41 जिंदगियां, ड्रिलिंग का इंतज़ार

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Uttarkashi Tunnel Rescue : उत्तराखंड के उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग हादसे में फंसे 41 श्रमिक आज भी सूरज नहीं पाएंगे। रेस्क्यू का आज 13वां दिन है। ड्रिलिंग मशीन का बेस हिल गया है। काम शुरू होने में देरी हो सकती है। इंतज़ार लंबा खिंच सकता है।  

बृहस्पतिवार को बचाव अभियान का निरीक्षण करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत) वीके सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी पहुंचे। निरीक्षण के बाद केंद्रीय मंत्री वीके सिंह जहां टनल से पहले बने कार्यालय में बैठ गए तो मुख्यमंत्री ने भी उत्तरकाशी के निकट स्थित मातली में डेरा डाल लिया। खबर लिखे जाने तक दोनों नेता मजदूरों के सकुशल बाहर आने का इंतजार कर रहे थे।

बीते गुरुवार रातभर मशीन का बेस मजबूत करने के लिए काम किया गया। बेस मजबूत होने के बाद ही ड्रिलिंग का दोबारा शुरू हो पाएगी। ऑगर मशीन का बेस हिलने के चलते ड्रिलिंग का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। ड्रिलिंग के दौरान कंपन तेज होने से मशीन का बेस हिल गया था। वहीं सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को आज 13वां दिन हो चुका है। मजदूरों तक पहुंचने के लिए 800 एमएम के स्टील पाइपों से 51 मीटर तक एस्केप टनल तैयार की जा चुकी है। 

बचाव अभियान में इस्तेमाल की जा रही ड्रोन तकनीक पर स्क्वाड्रन इंफ्रा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ सिरिएक जोसेफ कहते हैं कि यह (ड्रोन) नवीनतम तकनीकों में से एक है जो सुरंग के अंदर जा सकती है। जिन क्षेत्रों में जीपीएस का नहीं करता इसकी पहुंच वहां भी है। 

सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों के लिए खाने-पीने का सामान पैक किया जा रहा है। आज उम्मीद की जा रही है कि कुछ समय की निर्बाध ड्रिलिंग के बाद सभी मजदूर बाहर निकाल लिये जाएंगे। 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, इस समय मेरी चिंता सुरंग में फंसे हुए उन श्रमिक भाइयों को लेकर है, जिनके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार के विश्व स्तरीय तकनीकी के प्रयास चल रहे हैं। बहुत जल्द हम इस ऑपरेशन को पूरा करने में सफल होंगे। वह क्षण हमारे लिए वास्तविक इगास का होगा। हम सभी प्रदेशवासियों की कामना है कि हम सब उनका मनोबल बढ़ाएं और प्रार्थना करें कि बचाव ऑपरेशन जल्द सफलतापूर्वक पूर्ण हो। 

सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में केंद्र व राज्य सरकार की 19 एजेंसियां जुटी हैं। चारधाम महामार्ग परियोजना के तहत निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में हादसे के बाद सुरंग निर्माण करवा रही कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल, जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, आपदा प्रबंधन विभाग, पुलिस व होमगार्ड्स की टीम सबसे पहले मौके पर पहुंची थी।

लेकिन तकनीकी कारणों के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन लंबा खिंचने पर केंद्र सरकार की अन्य एजेंसियां भी यहां पहुंच गईं। इनमें बीआरओ, आरवीएनएल, एसजेवीएनएल, लार्सन एंड टूब्रो, टीएचडीसी, ओएनजीसी, भारतीय सेना, डीआरडीओ, परिवहन मंत्रालय व कोल इंडिया भी शामिल हुए।

जिनके बीच समन्वय के लिए भारत सरकार के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे, प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, राज्य सरकार में सचिव नीरज खैरवाल, आपदा सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा, एनएचआईडीसील के एमडी महमूद अहमद, परिवहन मंत्रालय में सचिव अनुराग जैन, उत्तरकाशी डीएम अभिषेक रूहेला व एसपी अर्पण यदुवंशी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनमें से कई अधिकारी हादसे के बाद से ही सिलक्यारा में ही डेरा डाले हुए थे।

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