Banke Bihari Corridor: उत्तर प्रदेश के मथुरा में अब बांके बिहारी मंदिर में विशेष कॉरिडोर का निर्माण होने जा रहा है। ये कॉरिडोर 262 करोड़ की लागत से 5 एकड़ में बनेगा।
Banke Bihari Corridor: उत्तर प्रदेश के मथुरा में अब बांके बिहारी मंदिर में विशेष कॉरिडोर का निर्माण होने जा रहा है। इलाहबाद हाईकोर्ट की तरफ से भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार को हरी झंडी मिल गई है। हाल ही में मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल कॉरिडोर का उद्घाटन किया था।
सोमवार को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की बेंच ने यूपी सरकार के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी। राज्य सरकार ने भरोसा दिलाया है कि निर्माण प्रक्रिया के दौरान बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालु प्रभावित नहीं होंगे।
खास बात है कि वृंदावन मंदिर उत्तर भारत के लोकप्रिय तीर्थ स्थलों में शामिल है। ऐसा होगा कॉरिडोर खबर है कि कॉरिडोर के निर्माण में 262 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसे 5 एकड़ से ज्यादा जगह पर तैयार किया जाएगा, जहां 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु एक बार में दर्शन कर सकेंगे। यहां तक पहुंचने के लिए श्रद्धालु जुगलघाट, विद्यापीठ और जादौन पार्किंग के जरिए तीन रास्तों का इस्तेमाल कर सकेंगे।
इस कॉरिडोर में दो मंजिलें होंगी। परिसर का ग्राउंड फ्लोर 11 हजार 300 वर्ग मीटर में फैला होगा। साथ ही ग्राउंड फ्लोर पर पूजा सामग्री से जुड़ी दुकानें मौजूद होंगी। यहां विशाल वेटिंग रूम भी श्रद्धालुओं के लिए होगा। इसके अलावा 5 हजार 113 वर्ग मीटर का क्षेत्र खाली छोड़ा जाएगा। विरोध भी खबर है कि इस कॉरिडोर के प्रस्ताव का भी जमकर विरोध हो रहा है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के चलते उनका रोजमर्रा का जीवन प्रभावित होगा या उन्हें विस्थापित कर दिया जाएगा। पुजारियों और दुकानदारों ने भी मुख्यमंत्री को खून से लिखा पत्र भेजा है और प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की मांग की है।
खबर है कि कॉरिडोर के निर्माण में 262 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसे 5 एकड़ से ज्यादा जगह पर तैयार किया जाएगा, जहां 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु एक बार में दर्शन कर सकेंगे। यहां तक पहुंचने के लिए श्रद्धालु जुगलघाट, विद्यापीठ और जादौन पार्किंग के जरिए तीन रास्तों का इस्तेमाल कर सकेंगे।
इस कॉरिडोर में दो मंजिलें होंगी। परिसर का ग्राउंड फ्लोर 11 हजार 300 वर्ग मीटर में फैला होगा। साथ ही ग्राउंड फ्लोर पर पूजा सामग्री से जुड़ी दुकानें मौजूद होंगी। यहां विशाल वेटिंग रूम भी श्रद्धालुओं के लिए होगा। इसके अलावा 5 हजार 113 वर्ग मीटर का क्षेत्र खाली छोड़ा जाएगा।
खबर है कि इस कॉरिडोर के प्रस्ताव का भी जमकर विरोध हो रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के चलते उनका रोजमर्रा का जीवन प्रभावित होगा या उन्हें विस्थापित कर दिया जाएगा। पुजारियों और दुकानदारों ने भी मुख्यमंत्री को खून से लिखा पत्र भेजा है और प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की मांग की है।