रायपुर. छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी का कांग्रेस में विलय हो सकता है. इसको लेकर अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि दोनों दलों की विचारधारा एक जैसी है, इसलिए विलय होना चाहिए. उन्होंने अपनी पार्टी से पास प्रस्ताव की कॉपी भी पत्र के साथ लगाई है, जिसमें अन्य नेताओं के साथ उनके बेटे अमित जोगी का भी हस्ताक्षर है. कुछ दिनों से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि जोगी कांग्रेस का विलय कांग्रेस में हो सकता है. अब ये बात पूरी तरह से सामने आ गई है.
बात 2014 की है, जब अंतागढ़ उपचुनाव हुआ था, तब कांग्रेस प्रत्याशी को मैदान से हटाने को लेकर एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था, जिसमें आरोप था कि अमित और अजीत जोगी ने चुनाव नहीं लड़ने को लेकर सौदा किया. इसके बाद अमित जोगी को कांग्रेस पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया गया था, जबकि अजित जोगी को कांग्रेस ने नोटिस जारी किया था. इसके बाद दोनों ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी यानि जेसीसीजे का गठन किया था.
2018 में पार्टी ने चुनाव लड़ा, जिसमें बसपा से समझौता किया, लेकिन पार्टी को सिर्फ तीन सीटें मिल सकी. इसके बाद कयास लगाए जाने लगे कि जोगी की पार्टी का फिर से कांग्रेस में विलय हो जाएगा, लेकिन अजीत जोगी के जीवित रहते ये नहीं हो सका. 2020 की मई में अजित जोगी का निधन हो गया. इसके बाद पार्टी के कई कद्दावर नेता अलग हो गए, सबने अमित जोगी के नेतृत्व पर सवाल उठाए.
2023 में हुए विधानसभा चुनाव में अजित जोगी की पार्टी अलग चुनाव लड़ी, लेकिन कोई प्रभाव नहीं छोड़ सकी. अमित जोगी सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ पाटन से चुनाव लड़े और लगभग पांच हजार वोट ही पा सके. हाल में बृजमोहन के सांसद बनने से खाली हुई रायपुर दक्षिण सीट पर जोगी की पार्टी ने कांग्रेस का समर्थन किया था. रेणु जोगी ने कांग्रेस नेताओं से मिलकर समर्थन दिया, लेकिन बीजेपी प्रत्याशी सुनील सोनी बड़े अंतर से चुनाव जीते.
इसके बाद से जोगी कांग्रेस के कांग्रेस में विलय के कयास तेज हो गए थे. अब रेणु जोगी ने चिट्ठी लिख दी है. वहीं, कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव इसके विरोध में हैं. उन्होंने साफ कहा कि राजनीति में एक और एक ग्यारह नहीं होता है. अगर लोगों को शामिल कराया जाता है, तो उन्हें सिर पर नहीं चढ़ाया जाए.