नेशनल डेस्क। गांदरबल में सोनमर्ग के पास गगनगीर इलाके में जेड मोड़ सुरंग निर्माण कर रही कंपनी में काम करने वाले मजदूरों पर रविवार की रात आतंकियों ने हमला कर छह मजदूरों और एक डॉक्टर की हत्या कर दी। कुछ अन्य मजदूर घायल हैं। इनमें पांच प्रवासी मजदूर भी हैं। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा के सहयोगी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है।
इस हमले के बाद, राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) की एक टीम, जिसमें एक वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, घटना स्थल पर पहुंच गई है। एजेंसी ने इस हमले की जांच शुरू कर दी है और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर घटनास्थल के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि इस हमले के पीछे के अपराधियों को पकड़ने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा तलाशी अभियान भी चलाया जा रहा है।
गगनगीर गुंड इलाके में सुरंग बना रही कंपनी एप्को के कर्मियों के शिविर पर पहुंचकर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की। इसमें मौके पर ही दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। घायलों में एक कश्मीरी डॉक्टर तथा चार अन्य मजदूरों की इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतकों की पहचान डॉ. शाहनवाज और मजदूरों फहीम नजीर, कलीम, मोहम्मद हनीफ, शशि अबरोल, अनिल शुक्ला और गुरमीत सिंह के रूप में हुई है। इनमें गुरमीत पंजाब, अनिल मध्य प्रदेश और हनीफ, कलीम व फहीम बिहार के रहने वाले थे।
हमला होते ही कर्मचारियों में भगदड़ मच गई। सुरक्षा बलों ने मौके पर पहुंचकर पूरे इलाके को घेर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, ताकि आतंकियों को मार गिराया जा सके। आईजी वीके विर्दी भी मौके पर हैं। प्रवासी मजदूरों पर हाल के वर्षों में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है। आतंकियों की संख्या दो बताई जा रही है। यह वारदात शोपियां में बिहार के मजदूर अशोक चौहान के आतंकी हमले में मारे जाने के एक दिन बाद हुई है। हत्या के विरोध में नागरिक समाज तथा कॉलेज के छात्रों ने शनिवार को जुलूस निकालकर शांति की अपील की थी। पिछले तीन दिन में आतंकी हमले में सात मजदूर मारे जा चुके हैं।
उमर सरकार के 5 दिन में दूसरा आतंकी हमला
उमर अब्दुल्ला सरकार के शपथ लेने के पांच दिन के भीतर प्रवासी मजदूरों पर यह दूसरा आतंकी हमला है। यह हमला जिस क्षेत्र में हुआ, वह उमर के विधानसभा क्षेत्र गांदरबल में आता है। इस वर्ष गैर कश्मीरियों पर यह पांचवां हमला है। हमले ने यहां काम करने वाले 50 हजार से अधिक प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां श्रमिकों में बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब के लोग ज्यादा हैं।
दहशत फैलाने की साजिश
माना जा रहा है कि यह हमले आतंकियों की दहशत फैलाने और फिर पैर जमाने की साजिश का हिस्सा हैं। 2021 में भी इसी तरह प्रवासी मजदूरों पर हमले किए गए थे। 16 व 17 अक्तूबर, 2021 को बिहार और यूपी के 4 मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तब कश्मीर से बड़े स्तर पर प्रवासी मजदूरों ने पलायन किया था।
कैंप पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात
घटना के बाद पूरे इलाके में सतर्कता बढ़ा दी गई है। प्रवासी मजदूरों के कैंप पर भी अतिरिक्त फोर्स की तैनाती कर दी गई है। वाहनों की तलाशी भी ली जा रही है।