Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन कांग्रेस ने कैबिनेट में शामिल होने से इंकार कर दिया है और राज्य के पूर्ण दर्जे की बहाली पर जोर दिया है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की उपस्थिति ने गठबंधन को मजबूती का संकेत दिया, हालांकि कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि जब तक राज्य का दर्जा बहाल नहीं होता, वे सरकार में शामिल नहीं होंगे।
मुख्य बिंदु :-
– उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
– कांग्रेस ने कहा, “जब तक पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा, सरकार में शामिल नहीं होंगे।”
– शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और कई अन्य कांग्रेस नेता शामिल हुए।
उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जो अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली निर्वाचित सरकार का गठन है। इस मौके पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। हालांकि, कांग्रेस ने अभी तक सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया है और यह स्पष्ट किया है कि जब तक जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जाता, वह सरकार का हिस्सा नहीं बनेगी।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने उमर अब्दुल्ला को बधाई देते हुए कहा कि बिना राज्य के दर्जे के यह सरकार अधूरी लगती है। उन्होंने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर से लोकतंत्र छीन लिया गया था और जब तक इसका राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता, वह इसके लिए संघर्ष करते रहेंगे।
राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में लिखा, “आज हम अपने संकल्प को दोहराते हैं कि राज्य का दर्जा बहाल होने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।”
उमर अब्दुल्ला ने भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी उपस्थिति से उन्हें और उनके परिवार को प्रोत्साहन मिला। उमर ने कहा, “प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की उपस्थिति ने हमें प्रेरित किया और आपके निरंतर समर्थन की जरूरत है ताकि हम अपना राज्य का दर्जा वापस पा सकें।”
कांग्रेस के जम्मू-कश्मीर अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि कांग्रेस इस बात से नाखुश है कि अभी तक जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिला है। इसी कारण से पार्टी फिलहाल सरकार में शामिल नहीं हो रही है।
प्रियंका गांधी ने भी उमर अब्दुल्ला और उनके मंत्रिमंडल को बधाई दी और जम्मू-कश्मीर के अधिकारों की बहाली के लिए इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके मंत्रिमंडल को बधाई। हम लोगों के अधिकार बहाल करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।”
कांग्रेस के सरकार से दूर रहने के फैसले ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस के बीच दरार की अटकलों को हवा दी, हालांकि उमर अब्दुल्ला ने इन अटकलों को खारिज किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस ने फिलहाल कैबिनेट में शामिल न होने का निर्णय लिया है, लेकिन दोनों दलों के बीच बातचीत जारी है और मंत्रिमंडल के कुछ पद खाली रहेंगे।
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “कांग्रेस कैबिनेट से बाहर नहीं है। हम उनके साथ लगातार चर्चा कर रहे हैं। मंत्रिपरिषद में सभी 9 पद नहीं भरे जाएंगे क्योंकि हम कांग्रेस के साथ बातचीत कर रहे हैं। एनसी और कांग्रेस के बीच कोई मतभेद नहीं है।”
उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, अखिलेश यादव, महबूबा मुफ्ती, संजय सिंह और डी राजा सहित कई प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। यह सरकार अनुच्छेद 370 हटाने के बाद बनी पहली निर्वाचित सरकार है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में एनसी-कांग्रेस गठबंधन ने 48 सीटें जीतीं, जिसमें एनसी ने 42 और कांग्रेस ने 6 सीटें हासिल कीं।