नेशनल डेस्क। दीवाली व भैयादूज के बाद अब छठ पर्व को लेकर इलाके में उत्साह देखा जा रहा है। मंगलवार को नहाय खाय के साथ ही व्रतियों ने छठ महापर्व को लेकर अपने-अपने घरों में तैयारी शुरू कर दी है। मंगलवार सुबह-सुबह महिलाओं ने स्नान ध्यान कर भोजन ग्रहण किया।
इस दिन का खाना भी विशिष्ट होता है। इसमें महिलाओं ने चावल, चने की दाल व लौकी की सब्जी ग्रहण की। इसके बाद महिलाएं खरना की तैयारी में जुट गई हैं। बुधवार को खरना है और इस दिन व्रती गुड़ व चावल की विशेष खीर बनातीं है। व्रती के खाने के बाद इसे लोगों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।
नहाय-खाय के दिन छत पर गेहूं सुखाती महिलाएं
इलाके में है उल्लास का माहौल
मधुबनी, पटना, दरभंगा, गाया, मोतिहारी सहित कई अन्य इलाकों में छठ पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। नहाय खाय के बाद हर जगह उल्लास का माहौल है। कई लोगों के घर पर छठ मइया के गीत माहौल को भक्तिमय कर रहे हैं।
छठ कार्यक्रम
6 नवंबर : खरना
सुबह स्नान कर सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। शाम को गुड़ की खीर और रोटी बनाई जाएगी। विशेष बात यह है कि खाते वक्त बिल्कुल भी नहीं बोलते हैं। दोबारा खाना नहीं मांगते हैं।
7 नवंबर : संध्या अर्घ्य
पूजा करने वाले लोग पूरे दिन निर्जला व्रत रखेंगे। शाम को विधि विधान से छठी मैया की पूजा कर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे। इस दौरान छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ होगी।
8 नवंबर : प्रात: कालीन अर्घ्य
छठ महापर्व का व्रत रखने वाले श्रद्धालु सुबह छठ घाटों से उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे। जिन लोगों ने व्रत नहीं रखा है वे भी उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे।