नर्मदा न्यूज़ छत्तीसगढ़ डेस्क। कांकेर जिले के अरौद गांव में दुर्गा मंदिर के ज्योति कक्ष में दो भालुओं ने जमकर उत्पात मचाया। नवरात्रि के अवसर पर प्रज्ज्वलित 60 दीपों का तेल पीकर, भालुओं ने कक्ष को तहस-नहस कर दिया। इस घटना से सभी ज्योति कलश बुझ गए, जिससे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया।
भालुओं का मंदिर में प्रवेश
ग्राम के पुजारी ईश्वर पटेल ने बताया कि घटना 7 अक्टूबर की मध्य रात्रि की है, जब दो भालू मंदिर के खपरैल पर चढ़ गए और उसे तोड़कर ज्योति कक्ष में प्रवेश किया। वहां प्रज्ज्वलित दीपों का तेल पीकर भालुओं ने कक्ष में तोड़फोड़ शुरू कर दी। भालुओं की हरकतें सुनकर पड़ोसी घासी पटेल ने पुजारी को सूचना दी, जिसके बाद पुजारी और पड़ोसियों ने मिलकर किसी तरह भालुओं को भगाया। हालांकि, कुछ देर बाद भालू फिर से लौट आए और बचे हुए दीपों को भी तोड़कर नुकसान पहुंचाया।
ग्रामीणों में दहशत
इस घटना की खबर गांव में तेजी से फैल गई, और सुबह होते ही मंदिर और ज्योति कक्ष को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीणों में भालुओं के उत्पात के बाद डर और चिंता का माहौल है, क्योंकि भालू अब गांव के पास आने लगे हैं।
वन विभाग को दी गई सूचना
पुजारी ईश्वर पटेल ने बताया कि इस घटना की सूचना वन विभाग को दी गई, जिसके बाद वन रक्षक ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी। वन विभाग द्वारा भालुओं को लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है। ग्रामीण अब उम्मीद कर रहे हैं कि वन विभाग जल्द से जल्द सुरक्षा के कदम उठाएगा। यह घटना ग्रामीण इलाकों में जंगली जानवरों के बढ़ते खतरों की ओर इशारा करती है, जहां भालुओं का इंसानी बस्तियों में प्रवेश और मंदिर जैसी पवित्र जगहों पर नुकसान पहुंचाने की घटनाएं चिंता का विषय हैं।