इस बार अयोध्या दीपोत्सव में डाॅ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 30 हजार वॉलेंटियर्स द्वारा एक-एक दीये प्रज्ज्वलित कर दीपोत्सव में पिछला रिकार्ड तोड़ने की तैयारी है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की 30 सदस्यीय टीम घाटों पर पहुंचकर दीयों की गिनती करेगी।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर विश्वविद्यायल और जिला प्रशासन सरयू घाट पर कुल 28 लाख दीपकों को सजा रहा है। वहीं पूरे अयोध्या की बात करें तो करीब 35 लाख से अधिक दीये जलाने की संभावना है। वहीं दूसरी ओर घाटों पर जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था भी सख्त कर दी गई है। बिना आईकार्ड के वालंटियर व अन्य लोगों के प्रवेश को प्रतिबन्धित कर दिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन व जिला प्रशासन के सहयोग से 30 अक्टूबर को सायं होने वाले दीपोत्सव के लिए पूरी ताकत लगा दी है।
मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो गोयल ने दीपोत्सव को भव्य एवं अलौकिक बनाने के लिए भारी भरकम टीम उतार दी है, वहीं जिला प्रशासन की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग व विवि के प्राथमिक चिकित्सा स्वास्थ्य केन्द्र भी मुस्तैद हो गए हैं। कुलपति के निर्देश पर विश्वविद्यालय प्राथमिक चिकित्सा स्वास्थ्य केन्द्र चिकित्साधिकारी डाॅ. दीपशिखा चैधरी अगुवाई में भी टीम का गठन कर दिया गया है। आपात स्थिति से निपटने के लिए घाटों पर पांच कंट्रोल रूम बनाये गए हैं। दूसरी ओर विवि के नगर निगम की मदद से घाटों की स्वच्छता के लिए टीमें उतार दी गई है। स्वच्छता के वाहनों द्वारा निरन्तर घाटों की साफ-सफाई कराई जा रही है।
विवि के दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो संत शरण मिश्र ने बताया कि दीपोत्सव को भव्यता प्रदान करने के लिए सोमवार को तीसरे दिन सभी वालंटियर 16 गुणे 16 के प्रत्येक ब्लॉक में 256 दीये सजा रहे हैं। 25 लाख दीपों को जलाने का रिकार्ड बनाने के लिए देर शाम तक 28 लाख दीये बिछाने का कार्य अब संपन्न होने की कगार पर है। 29 अक्टूबर दिन को गिनीज वर्ल्ड रिकार्डस की टीम के कंसल्टेंट निश्चल बरोट की अगुवाई में 30 लोगों की टीम व विवि की गणना समिति के सदस्यों द्वारा 55 घाटों पर सजाये गए दीपों की गणना देर शाम तक की जायेगी। वहीं 30 अक्टूबर को 28 लाख दीयों में तेल, बाती लगाकर देर शाम प्रज्ज्वलित करने के साथ एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया जाएगा।
मीडिया प्रभारी डाॅ विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि दीपोत्सव की भव्यता के लिए कुलपति ने दीपोत्सव नोडल अधिकारी को निर्देशित किया है कि समिति के संयोजकों से सामंजस्य बनाते हुए कार्यों को अंतिम रूप प्रदान किया जाए।