देहरादून. उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता कानून यानी यूसीसी का ड्राफ्ट पेश कर दिया गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी का ड्राफ्ट विधानसभा में पेश किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट में समाज के हर तबके का ख्याल रखा गया है. उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां पर यूसीसी लाने की तैयारी है. सदन में भाजपा विधायकों ने जय श्रीराम के नारे लगाये. वहीं, हंगामे के बाद सदन को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
ड्राफ्ट पेश करने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि जिसका लंबे समय से जिसका इंतजार था, वो समय आ गया है. प्रदेश ही नहीं देश के करोड़ों लोगों की निगाहें उत्तराखंड की ओर लगी हुई हैं. यूसीसी महिला उत्थान को मजबूत करेगा. इधर, जैसे ही ड्राफ्ट को मुख्यमंत्री ने सदन में पेश किया. भाजपा सदस्यों ने जय श्रीराम का नारा लगाना शुरू कर दिया.
यूसीसी में अगर कोई बच्चा अनाथ हो जाता है, तो उसके गार्जियनशिप की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है. नए कानून में कहा गया है कि अगर किसी की पत्नी की मृत्यु हो जाती है. उसके माता-पिता का कोई सहारा नहीं है, तो उनके भरण पोषण का जिम्मा दामाद यानी महिला के पति पर होगा.
यूसीसी ने राज्य की चार फीसदी जनजातियों को बाहर रखा गया है. उन पर ये कानून लागू नहीं होगा. नए कानून में माता-पिता की संपत्ति में बेटियों का समान अधिकार होगा.