सीजी डेस्क। सेंट्रल जेल रायपुर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से संबंधित मामलों में बंद आरोपियों को मिल रही वीआईपी सुविधाओं पर रोक लगा दी गई है। बताया जा रहा है कि ईडी के आरोपी सूर्यकांत तिवारी, अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, समीर बिश्नोई समेत अन्य महिला आरोपियों को जेल जाने के बाद से वीआईपी बैरक में रखा गया था, जहां उन्हें विशेष सुविधाएं प्राप्त हो रही थीं। अब इन सभी आरोपियों को सामान्य बैरक में स्थानांतरित कर दिया गया है, और उनकी वीआईपी सुविधाओं को खत्म कर दिया गया है।
जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि जेल में रोटेशन प्रक्रिया चलती रहती है, लेकिन यह एक सुरक्षा संबंधी मामला है, और इस पर अधिक जानकारी साझा नहीं की जा सकती।
वीआईपी सुविधाओं पर रोक
अब तक इन बंदियों को जेल में वीआईपी सुविधाओं का लाभ मिल रहा था, जिनमें घर से खाना, विशेष राशन, ड्राई फ्रूट और च्यवनप्राश शामिल थे। जेल प्रशासन ने इन सभी सुविधाओं को अब बंद कर दिया है, और आरोपियों को सामान्य कैदियों की तरह जेल का खाना और व्यवस्थाएं दी जाएंगी। इसके अलावा, आरोपियों को किसी भी तरह के मोबाइल फोन की सुविधा उपलब्ध कराने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में कानून व्यवस्था पर समीक्षा बैठक की थी, जिसमें उन्होंने जेल के अंदर और बाहर किसी भी आरोपी को वीआईपी ट्रीटमेंट न दिए जाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद जेल डीजी हिमांशु गुप्ता ने सख्ती बरती, जिसके परिणामस्वरूप ईडी के आरोपियों को मिल रही विशेष सुविधाएं समाप्त कर दी गई हैं।
जेल रेडियो स्टेशन की स्थापना
इसके साथ ही जेल प्रशासन द्वारा बंदियों को रचनात्मक और प्रेरक गतिविधियों में संलग्न करने के उद्देश्य से रायपुर जेल में एक रेडियो स्टेशन की स्थापना की प्रक्रिया शुरू की गई है। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसी भी बंदी को मोबाइल फोन उपलब्ध न हो, और यदि ऐसा पाया गया तो जेल स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।