सीजी डेस्क। लेह लद्दाख में तैनात आर्मी जवान उमेश साहू की ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हो गई। इस दुखद घटना की जानकारी मिलते ही उनके गृहग्राम कोड़िया, दुर्ग में शोक की लहर दौड़ गई। उमेश साहू भारतीय सेना में हवलदार के पद पर कार्यरत थे और बीते 10 वर्षों से देश की सुरक्षा में अपनी सेवाएं दे रहे थे।
परिजनों को जवान की मौत की सूचना मिलने के बाद से परिवार में मातम छाया हुआ है। उमेश के निधन की खबर सुनते ही गांव के लोग उनके घर पर इकट्ठा हो गए। उमेश साहू अपने पीछे बीमार बुजुर्ग पिता, पत्नी और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं, जिनके सिर से पिता का साया उठ गया है।
उमेश साहू: एक देशभक्त जवान
उमेश साहू की पहचान गांव में एक प्रतिभाशाली और देशभक्त युवक के रूप में रही है। बचपन से ही वह देश की सेवा में प्राण न्योछावर करने की बातें किया करते थे। उनकी आर्मी में नौकरी लगने पर परिवार और गांव में खुशी का माहौल था। छुट्टियों में जब भी उमेश गांव आते, वह सभी से मिलकर उनका हालचाल पूछते थे, जिससे गांव के लोग उनके प्रति बेहद स्नेह और सम्मान रखते थे।
पार्थिव शरीर पहुंचा गांव
लेह लद्दाख में शहीद हुए उमेश साहू का पार्थिव शरीर सोमवार की सुबह उनके गृहग्राम कोड़िया पहुंचा। पूरे गांव में शोक का माहौल है और जवान के अंतिम संस्कार की तैयारी सैनिक सम्मान के साथ की जा रही है।
उमेश साहू की शहादत से न सिर्फ उनका परिवार, बल्कि पूरा गांव गहरे शोक में डूबा हुआ है।