नर्मदा न्यूज़ छत्तीसगढ़ डेस्क। जिले में ग्रामीणों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोंटा विकासखंड के इतकल और उसकेवाया के बाद अब ओड़िशा सीमा के निकट, छिंदगढ़ विकासखंड के चितलनार गांव में पिछले 10 दिनों में जनजातीय समुदाय के सात ग्रामीणों की मौत उल्टी और दस्त के कारण हो चुकी है। मृतकों में पति दूधी मासा, जिरमिट्टी पति लछिन्दर, सुकलु, दशमी पति सुरेंद्र, सुकड़ी पति सुकलु, सुकड़ी पति बिट्ठल, और सेतुराम शामिल हैं। इस गांव में हर 12 घंटे में एक ग्रामीण की मौत हो रही है, और कई लोग अभी भी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती हैं।
गांव के निवासी घेनवाराम ने बताया कि सेतुराम को कल रात लगभग आठ बजे से उल्टी-दस्त की समस्या शुरू हुई थी। उन्होंने रात में कुछ दवाइयां लीं, लेकिन सुबह उनकी हालत बिगड़ गई, जिसके परिणामस्वरूप उनकी मौत हो गई। सरपंच के पति हिड़मा ने जानकारी दी कि हाल ही में गांव में आई बाढ़ के बाद डायरिया फैल गया है, जिससे ग्रामीणों की जानें जा रही हैं। लगातार हो रही मौतों ने गांव के लोगों में दहशत पैदा कर दी है।