सीजी डेस्क। मनेंद्रगढ़ जिले के जनपद पंचायत में कार्यरत सहायक ग्रेड-2 के कर्मचारी सत्येंद्र कुमार सिन्हा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि पिछले 14 वर्षों में उन्होंने 10 करोड़ रुपए से अधिक की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है। सत्येंद्र कुमार को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने पिछले महीने 19 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था, जिसके बाद इस संपत्ति का पर्दाफाश हुआ।
1500% अनुपातहीन संपत्ति का खुलासा
सत्येंद्र कुमार के खिलाफ चल रही जांच में अब तक 1500% से अधिक अनुपातहीन संपत्ति का मामला सामने आया है। एसीबी की जांच में पता चला है कि सत्येंद्र ने 2010 से लेकर 2024 के बीच 10 करोड़ 18 लाख रुपए की संपत्ति अर्जित की। यह संपत्ति उनके वेतन से कहीं अधिक है, जो पिछले 34 वर्षों में मात्र 90 लाख रुपए के करीब है। इसके अलावा उन्होंने कई स्थानों पर जमीनें और अन्य संपत्तियाँ अपने और परिजनों के नाम पर खरीदी हैं। सभी चल-अचल सपंत्तियों के अलावा आरोपी ने अपने परिजनों और अन्य लोगों के नाम से ग्राम कोड़ा, भौता, सलवा, पेण्ड्री, घुटरा, एमसीबी. और शंकरग, बलरामपुर में जमीन की खरीदी की है।
एसीबी की जांच जारी
एसीबी की जांच अभी भी जारी है और इस मामले में आगे और खुलासे होने की संभावना है। एसीबी का कहना है कि अब तक की जांच में आरोपी की संपत्तियों का प्रथम दृष्ट्या आय के अनुपात से कई गुना अधिक होना पाया गया है। आरोपी ने अपनी सरकारी सेवा के दौरान ही इन अवैध संपत्तियों को इकट्ठा किया है, और मामले की गहन जांच की जा रही है। इस प्रकरण में आगे भी कई चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।