रायपुर. छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है, लेकिन एसोसिएशन के अध्यक्ष और सांसद ब्रजमोहन के भाई योगेश अग्रवाल ने अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि सरकार राइस मिलर्स को डरा रही है.
योगेश अग्रवाल ने साय सरकार पर राइस मिलर्स को परेशान करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हम लोग शुरू से बीजेपी के साथ रहे हैं, लेकिन सरकार हम पर दबाव बना रही है. कार्रवाई का भय पैदा कर रही है. राइस मिलर्स अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे थे.
राइस मिलर्स की मांग है कि सरकार प्रोत्साहन राशि के रूप में 120 रुपए प्रति क्विंटल दे. साथ ही 2022-23 की दूसरी और 2023-24 की पहली किस्त का भुगतान 60 रुपए की दर से हो. 2024-2025 में जो प्रोत्साहन राशि बने, उसका एक साथ भुगतान सरकार करे. मिलर्स चावल जमा करने के सात दिन पहले आवेदन करेंगे और 20 दिन में चावल जमा करेंगे. अगर ऐसा नहीं होता है, तभी पेनाल्टी लगे.
मार्कफेड चावल का उपयोग करने के बाद बारदाना मिलर्स को वापस कर दे. अगर बारदाना वापस नहीं किया जाता है, तो उसका पैसा दे. चावल को लाने ले जाने में जो खर्च होता है, उसका भुगतान हर महीने किया जाए.
चावल मिलर्स ने उप मुख्यमंत्री अरुण साव और खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल से मुलाकात की, जिसमें सभी मुद्दों पर चर्चा हुई. इसके बाद हड़ताल को समाप्त करने का फैसला लिया. मिलर्स ने कहा कि सरकार ने हमारी बात को साकारात्मक तरीके से सुना है. उन पर विचार करेगी.
मिलर्स ने ये भी कहा कि किसानों के हित के लिए हम सरकार के साथ खड़े हैं. धान की मिलिंग के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. वहीं, मिलर्स की हड़ताल समाप्त होते ही धान का उठाव शुरू हो गया है. हड़ताल के दौरान नहीं उठने से खरीद केंद्रों पर धान रखने की जगह कम हो गयी थी, जिसकी वजह से धान खरीद प्रभावित होने का डर था.